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क्लीन चिट पर धीरेंद्र शास्त्री का बयान- ‘चालीसा का प्रचार करना अंधविश्वास नहीं’

नागपुर : नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट दे दी है. नागपुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री की वीडियो देखने के बाद स्पष्ट होता है कि वीडियो में धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है लेकिन इसमें अंधश्रद्धा जैसी कोई चीज नज़र नहीं आती […]

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क्लीन चिट पर धीरेंद्र शास्त्री का बयान- ‘चालीसा का प्रचार करना अंधविश्वास नहीं’
  • January 25, 2023 8:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नागपुर : नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को क्लीन चिट दे दी है. नागपुर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री की वीडियो देखने के बाद स्पष्ट होता है कि वीडियो में धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है लेकिन इसमें अंधश्रद्धा जैसी कोई चीज नज़र नहीं आती है. नागपुर पुलिस की इस रिपोर्ट के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी अपने विरोधियों पर जमकर बरसे.

रामचरितमानस पर भी बोले

बागेश्वर धाम में अपनी गद्दी पर बैठे धीरेंद्र शास्त्री ने क्लीन चिट मिलने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा की हनुमान चालीसा का प्रचार करना अगर अंधविश्वास है, तो सभी हनुमान भक्तों को जेल में डाल दीजिये. कानून पर मुझे भरोसा था और सच की जीत हुई है. इसके बाद उन्होंने आगे कहा, ‘रामचरितमानस को राष्ट्रीय धर्म घोषित करना चाहिए तभी भारत विश्व गुरु बनेगा। तभी सामाजिक समरसता होगी.’ बता दें, विवाद के काफी दिनों बाद बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री को अपने बीच पाकर श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है. उनके इस बयान के बाद पूरा धाम श्री राम के नारों से गूंज उठा.

 

श्याम मानव द्वारा लगाए गए आरोप निराधार

नागपुर पुलिस ने कहा है कि श्याम मानव ने जो आरोप लगाए थे वो पूरी तरह से निराधार हैं। हमने जांच में पाया कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिससे उनके ऊपर अंधविश्वास फैलाने का आरोप साबित हो। इसके साथ ही पुलिस ने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री पर केस नहीं दर्ज किया जाएगा।

बाबा को चमत्कार दिखाने की चुनौती दी थी

बता दें कि अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी थी कि अगर वो उनके बीच दिव्य दरबार लगाते हैं और चमत्कार दिखाते हैं तो वे उन्हें 30 लाख रुपये देंगे। श्याम मानव का कहना था कि धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार नाम से जो सभा करते हैं, उसमें दो कानूनों का उल्लंघन होता हैं, पहला महाराष्ट्र का जादू-टोना विरोधी कानून (2013) और दूसरे 1954 का ड्रग्स एंड रेमेडीज एक्ट।

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