नई दिल्लीः धार स्थित भोजशाला को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बड़ा फैसला दिया है। जिसके बाद अब भोजशाला का भी एएसआई सर्वे किया जाएगा। बता दें कि मां सरस्वती मंदिर भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फॉर जस्टिस द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन दिया गया था। जिस पर हाईकोर्ट ने एएसआई को […]
नई दिल्लीः धार स्थित भोजशाला को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बड़ा फैसला दिया है। जिसके बाद अब भोजशाला का भी एएसआई सर्वे किया जाएगा। बता दें कि मां सरस्वती मंदिर भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फॉर जस्टिस द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन दिया गया था। जिस पर हाईकोर्ट ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है।
हिंदू फ्रंट जस्टिस की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई थी कि मुस्लमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से रोका जाए और हिंदूओं को नियमित पूजा का अधिकार दिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आरंभिक दलील सुनने के बाद मामले में राज्य शासन, केंद्र शासन सहित अन्य संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
इस याचिका में एक अंतरिम आवेदन प्रस्तुत करते हुए मांग की गई थी कि भारतीय पुरातत्व विभाग सर्वेक्षण को आदेश दिया जाए कि वह ज्ञानवापी की तर्ज पर धार भोजशाला में सर्वे करे। सोमवार को इस मामले में अंतरिम आवेदन पर बहस हुई।
वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 1902-03 में भोजशाला का सर्वे हुआ था। इसकी रिपोर्ट कोर्ट के रिकॉर्ड में मौजूद है। दोबारा से सर्वे की करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुस्लिम पक्ष भी सर्वे कराने के पक्ष में नहीं है। उसका कहना है कि वर्ष 1902-03 में हुए सर्वे के आधार पर ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने आदेश जारी कर मुसलमानों को शुक्रवार को नमाज का अधिकार दिया था। यह आदेश आज भी अस्तित्व में है।