देवघर, त्रिकुट पहाड़ के रोपवे में रात भर फंसे 48 पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के बीच एक हादसा हो गया. सोमवार शाम करीब पौने छह बजे सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एयरलिफ्ट करने के समय एक पर्यटक का सेफ्टी बेल्ट खुल गया और वह डेढ़ हज़ार फिट गहरी खाई में गिर गया. हालांकि इसके […]
देवघर, त्रिकुट पहाड़ के रोपवे में रात भर फंसे 48 पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के बीच एक हादसा हो गया. सोमवार शाम करीब पौने छह बजे सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एयरलिफ्ट करने के समय एक पर्यटक का सेफ्टी बेल्ट खुल गया और वह डेढ़ हज़ार फिट गहरी खाई में गिर गया. हालांकि इसके बावजूद कमांडो उसके हाथ को पकड़ उसे हेलीकॉप्टर के अंदर खींच रहा था, लेकिन इस दौरान पर्यटक का हाथ छूट गया, जिसके चलते 48 वर्षीय उक्त पर्यटक करीब डेढ़ हजार फीट गहरी खाई में जा गिरा, जिसके साथ ही, इस हादसे में कुल मरने वालों की संख्या 3 हो गई है.
इस रोपवे हादसे में अब तक 40 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है. हादसे के 24 घंटे बाद अभी भी 8 लोग ऊपर ट्रॉली में फंसे हुए हैं. कुल 12 ट्रॉली रोपवे हादसे में फंसी थी, जिसमे से 10 ट्रॉली से लोगों को निकाला जा चुका है. 2 रोपवे ट्रॉली से लोगों को निकालने के लिए ITBP, एनडीआरएफ और एयरफोर्स का ऑपरेशन चल रहा है.
बताया जा रहा है कि ये हादसा उस दौरान हुआ जब रोपवे पर नीचे से आ रही ट्राली ऊपर से जा रही ट्राली से टकरा गई. इस टक्कर में रोपवे पर सवार कई लोग घायल हो गए. हादसे के वक्त दो दर्जन से अधिक ट्रालियां हवा में थी, जिसमें से कई लोगों को तुरंत आनन-फानन में सुरक्षित उतारा गया.
त्रिकूट पर्वत की ऊचाई समुद्र तल से 2,470 फ़ीट है. त्रिकूट देवघर शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह रोपवे समुद्र तल से 1500 फ़ीट की उचाई पर है. इस पहाड़ की तलहटी मयूराक्षी नदी से घिरी हुई है. रोपवे की लम्बाई लगभग 766 मीटर (2512) फुट है. इस रोपवे में पर्यटकों के लिए कुल 26 केबिन है, जिसमें से घटना के वक़्त 12 केबिन हवा में फ़स गए थे. इस रोपवे के जरिये पहाड़ की चोटी पर पहुंचने के लिए पर्यटकों को 8 से 10 मिनट का समय लगता है. रोपवे का एक साइड का खर्च 130 रूपये है.