नई दिल्ली। अपनी पर्सनेलिटी और ज़बरदस्त एक्टिंग के लिए मशहूर बॉलीवुड के महान कलाकार देव आनंद ने भले ही फिल्मी दुनिया में काम करते हुए देश एवं विदेशों मे बहुत नाम कमाया हो, लेकिन उनके जीवन के उतार चढ़ावों को देखकर आपको यही लगेगा कि वाकई मे देव आनंद को इस सम्मान का अधिकार था। तो आइए इस लेख के माध्यम से हम देव आनंद के जीवन के संघर्ष के दिनों से लेकर स्टार बनने तक के सफर के बारे में जानते हैं।
देव आनंद का ताल्लुक काफी पढ़े लिखे घराने से था, देव आनंद के पिता एक वकील थे और देव लाहौर के एक गर्वमेंट स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। घर के माली हालात खराब होने के कारण देव आनंद उतना नहीं पढ़ पाए जितना वह पढ़ना चाहते थे। इसलिए उन्हे अपनी पढ़ाई बीच मे ही छोड़नी पड़ी।
बॉलीवुड के इस नायाब कलाकार को बचपन से ही एक्टिंग करने का शौक था, पढ़ाई छूटने के बाद वह फिल्मों में काम करने का सपना लेकर मुंबई की ओर आए उस समय मे उनकी जेब मे मात्र तीस रुपए ही थे। न ही उनके पास रात गुज़ारने का कोई ठिकाना था और न ही दो वक्त की रोटी थी।
अपनी गरीबी के इन दिनों में देव आनंद ने मिलिट्री सेंसर ऑफिस मे नौकरी करना शुरू कर दिया, नौकरी करते हुए ही उन्हे फिल्मों में काम करना का अद्भुत मौका मिला और इस मौके को भुनाते हुए देव आनंद ने सफलता के कई झंडे गाड़ दिए। हम आपको बता दें कि, देव आनंद गाइड, ज्वेलथीफ, कालापानी जैसी सफल फिल्मों के लिए जाने जाते हैं बाद मे उन्होने निर्देशन के क्षेत्र में भी हाथ आज़माने की कोशिश की, लेकिन वहाँ उन्हे कोई खास सफलता प्राप्त नहीं हुई।
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