नई दिल्ली: सिरसा स्थित दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे राम रहीम 20 साल की कैद की सजा काट रहा है। इस मामले के लेकर राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार देकर सजा सुनाई थी। अब एक बार फिर से डेरा […]
नई दिल्ली: सिरसा स्थित दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे राम रहीम 20 साल की कैद की सजा काट रहा है। इस मामले के लेकर राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार देकर सजा सुनाई थी। अब एक बार फिर से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम फरलो मिल गई है। जानकारी के मुताबिक राम रहीम 21 दिन की फरलो पर मंगलवार को सुनारिया जेल से बाहर आया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
राम रहीम को को मंगलवार सुबह लगभग 6.30 बजे हरियाणा की सुनारिया जेल से पुलिस की सुरक्षा में रिहा किया गया है। बताया जा रहा है कि उसको मिली फरलो की अवधि 21 दिनों की है। इस दौरान वह यूपी के बागपत जिले में बरनावा आश्रम में 21 दिन गुजारेगा। फरलो के लिए राम रहीम ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सामने अपनी गुहार लगाई थी। फरवरी में इससे पहले हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि वह उसकी अनुमति के बिना डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को आगे पैरोल न दे। जून 2024 में बलात्कार के आरोपी गुरमीत राम रहीम सिंह ने एक बार फिर से फरलो की मांग की थी। समिति की याचिका पर हाईकोर्ट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक सुनवाई कर रहा था। उन्होंने ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को रिहाई दिए जाने को चुनौती दी थी।
जानकारी के मुताबिक दिए गए 21 दिनों को गुरमीत राम रहीम बागपत के आश्रम में गुजारने वाला है। वह अपना जन्मदिन 15 अगस्त गुरूवार के दिन अनुयायियों के साथ उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में मनाएगा। इसके बाद गुरमीत राम रहीम अनुयायियों के साथ ही 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन बागपत डेरे में मौजूदा रहेगा। जानकारी मिला है कि जेल में उसके गुरमीत राम रहीम के अनुयाई उसको राखी और जन्मदिन की बधाई के संदेश भेजा करते थे। बताया जा रहा है कि बेटी हनीप्रीत जिसको गुरमीत सिंह ने गोट लिया था, वह भी उससे सुनारिया जेल में लेने पहुंची थी। गुरमीत राम रहीम का काफिला पुलिस सुरक्षा में निकाला गया। पेरौल या फिर फरलो संबंधी मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकार को है। उन्होंने कहा कि इस मामले में निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार सक्षम है। अदालत का कहना था कि पेरौल या फिर फरलो के मामले में सरकार नियमों के अनुसार ही निर्णय ले।
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