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ED के दफ्तर पहुंचे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में होगी पूछताछ

नई दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुंच गए हैं। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। खबरों के अनुसार, ईडी ने सीबीआई की FIR के आधार पर पीएमएलए के तहत आपराधिक धारा में एक […]

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Land For Jobs Scam
  • April 11, 2023 11:21 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुंच गए हैं। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है। खबरों के अनुसार, ईडी ने सीबीआई की FIR के आधार पर पीएमएलए के तहत आपराधिक धारा में एक नया मामला दर्ज किया है। इसी केस में ईडी तेजस्वी यादव के बयान दर्ज कर सकती है।

जानकारी के मुताबिक पिछले महीने 26 मार्च को इसी मामले में सीबीआई ने तेजस्वी यादव से दिल्ली में पूछताछ की थी। वहीं सीबीआई की तकरीबन 8 घंटे तक चली पूछताछ के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि इस मामले पर जब भी जांच हुई है हमने सहयोग किया है और हम से जो भी सवाल किए गए उसके हमने जवाब दिए। साथ ही तेजस्वी ने कहा सच्चाई यह है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। दरअसल उसी दिन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बड़ी बहन और सांसद मीसा भारती भी इस मामले पर पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश हुई थीं।

दरअसल रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से भी पूछताछ कर चुकी है। साथ ही ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के घर पर भी छापेमारी की थी। इस मामले में ईडी ने छापेमारी के बाद बताया था कि उसने एक करोड़ रुपये की आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा नकदी बरामद की और अपराध में इस्तेमाल हुए 600 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया है। वहीं बता दें, लालू प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से रियल एस्टेट समेत कई क्षेत्रों में किए गए और निवेश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल ये मामला लालू प्रसाद यादव के साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के समय हुआ था। उस वक्त उनके परिवार को उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में हुई नौकरियों से संबंधित था। इस मामले पर फिर सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था है कि इन भर्ती के लिए तय मानकों का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थीं।

 

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