नई दिल्ली. मोदी सरकार के कार्यकाल के आखिरी बजट में कई फाइनेंसियल बदलावों सहित पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) योजना में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर लोगों में सरगर्मी का माहौल था. पीपीएफ पर प्रस्तावित बदलाव से पीपीएफ अकाउंट कुर्क होने की आशंका को लेकर चल रही अटकलों पर आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने विराम लगाया है. एस सी गर्ग ने शनिवार को कहा कि मौजूदा और नई पीपीएफ जमा राशि को कुर्क किए जाने से सुरक्षा मिलती रहेगी. गर्ग ने यह जानकारी ट्वीट कर दी है.
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट कर कहा कि पीपीएफ खातों को किसी तरह की कुर्की के प्रति संरक्षा है. प्रस्तावित सरकारी बचत संवर्धन कानून के साथ पीपीएफ कानून को सुदृढ़ करते समय सभी मौजूदा संरक्षणों को बनाए रखा गया है. उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक 2018-19 में लोक भविष्य निधि कानून, 1968 को समाप्त करने का एक प्रावधान शामिल किया गया है.
बता दें कि वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए बजट में पीपीएफ को खत्म करने का प्रस्ताव किया है. इसका परिणाय यह होगा कि पीपीएफ सहित सभी लघु बचत योजनाएं सरकारी बचत बैंक कानून-1873 के अधीन आ जाएंगी. इन योजनाओं में डाकघर बचत खाता, राष्ट्रीय बचत मासिक आय (खाता), राष्ट्रीय अचत आवृति जमा और सुकन्या समृद्धि खाता योजना शामिल हैं. सरकार के इस फैसले को मध्यम वर्ग के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा है. पीपीएफ जब्त करने जैसी आशंका को लेकर मध्य वर्ग के लोगों में अफरा तफरी का माहौल था. इसी को लेकर आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने ट्वीट कर जानकारी दी है.
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