नई दिल्लीः रामलला का प्राण प्रतिष्ठान 22 जनवरी को होना है जिसको लेकर भव्य तैयारी की जा रही है। इसी बीच देवराहा बाबा की चर्चा जोरो-शोरों से हो रही है क्योंकि निमंत्रण पत्र पर उनकी तस्वीर लगी हुई है साथ ही आंदोलनकर्ता की लिस्ट में उनका नाम सबसे उपर है। वहीं एक समय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और इंदिरा गांधी भी उनसे मुलाकात करने गईं थी।
देवरहा बाबा बड़े-बड़े लोगों को पैर से आशीर्वाद दिया करते थे। जो भी उनके पास अपना दुख लेकर पहुंचता वह उसकी ओर पैर कर दिया करते थे। चुनाव हारने के बाद राजीव की मां इंदिरा गांधी भी उनकी शरण में लोगों के कहने पर गईं थीं। बाबा को उनके हालात जानकारी थी लिहाजा उन्होंने हाथ का पंजा दिखाया और आशीर्वाद दिया था। रोचक बात यह रही कि इंदिरा इसके बाद 1980 में चुनाव जीतीं और प्रधानमंत्री बनीं।
इसके अलावा राम जन्मभूमि का ताला खुलवाने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी उन्हें अपना आराध्य मानते थे। यही वजह है कि वह पत्नी सोनिया गांधी को लेकर उनकी शरण में पहुंचे थे। 1989 के चुनाव की पूर्व संध्या पर राजीव और सोनिया देवराहा बाबा के पास गए थे और तब उन्हें संत के चरणों से आशीर्वाद प्राप्त हुआ था।
देवरहा बाबा कौन थे, कहां पैदा हुए थे इसकी आधिकारिक जानकारी कहीं नहीं मिलती। माना जाता है कि वह उत्तर प्रदेश के देवरिया के थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि हिमालय पर्वत क्षेत्र में कुछ समय बिताने के बाद वह देवरिया पहुंचे थे। वहां सलेमपुर के पास सरयू नदी के किनारे उनका ठिकाना था। बाबा जमीन से 12 फुट ऊंचे लकड़ी के मचान पर रहते थे। वहां उनका डेरा लगने के बाद भक्त उन्हें देवराहा बाबा या देवरिया वाले बाबा कहकर पुकारने लगे। बाद में वह मचान पर वृंदावन-मथुरा रहने लगे.
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