नई दिल्ली : एक अविवाहित महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि अविवाहित महिलाओं को भी सेरोगेसी का अधिकार मिले. SC मामले का परीक्षण करने को तैयार है. SC ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी का लाभ उठाने से रोकने के […]
नई दिल्ली : एक अविवाहित महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि अविवाहित महिलाओं को भी सेरोगेसी का अधिकार मिले. SC मामले का परीक्षण करने को तैयार है. SC ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी का लाभ उठाने से रोकने के लिए सरोगेसी कानून के प्रवाधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है. सरोगेसी कानून 2021 के प्रावधान को चुनौती दी गई है, जिसमें अविवाहित महिलाओं को इच्छुक महिलाओं की परिभाषा के दायरे से बाहर रखा गया है. कानून के तहत इच्छुक महिलाओं में वो भारतीय महिलाएं शामिल हैं, जिनकी उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच है. तलाकशुदा और विधवा महिलाएं भी इसमें शामिल है जो सरोगेसी का लाभ उठाने का इरादा रखती है.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदा और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने अपने आदेश में अविवाहित महिला द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा याचिका की एक कॉपी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए, जो पहले ही एक केस में पेश हो रही है. याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हो रहा है क्योंकि महिला ने कहा कि विवाहित महिलाओं, तलाकशुदा और विधवा महिलाओं पर सरोगेसी पर रोक लगाने से उल्लंघन होता है, जो समानता के अधिकार से संबंधित है. याचिका में कहा गया है कि ऐसा प्रवाधान महिला के स्वायत्तता के अधिकार और उसके प्रजनन निर्णयों पर नियंत्रण का उल्लंघन करता है. विधायिका सरोगेसी के लिए कानून आयोग के द्वारा दी गई सिफारिशों को लागू करने में सफल नहीं हुई है . अविवाहित महिला को भी सरोगेसी के अधिकार में शामिल करने को कहा गया था.
सरोगेसी का विकल्प उन महिलाओं को लिए लाभदायक होता है जो प्रजनन से जुड़ी समस्याओं , गर्भपात या जोखिम भरे गर्भावस्था के कारण गर्भधारण नहीं कर सकती है. सरोगेसी को आम बोलचाल भाषा में किराए की कोख भी कहा जाता है. जब बच्चा पैदा करने के लिए कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है. सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के जरिए दूसरे किसी कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. अपने पेट में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को ही सरोगेट मदर कहा जाता है.