दिल्ली के रोहिणी के एक घर के 50 साल की एक महिला को बचाकर निकाला गया है. महिला को उसके भाई ने 2 सालों से कैद करके रखा था और 4 दिन में उसे महज एक ब्रेड का टुकड़ा दिया जाता था. महिला इतनी कमजोर हो चुकी है कि वह 50 की उम्र में 90 साल की दिखती है.
नई दिल्ली. दिल्ली के रोहिणी के एक घर से 50 साल की एक महिला को छुड़ाया गया है. महिला को उसी के भाई ने पिछले 2 साल से कैद कर रखा था. दिल्ली महिला आयोग ने मंगलवार को महिला को वहां से बचाकर निकाला. दरअसल आयोग को पास उसके हेल्पलाइन नंबर पर एक फोन आया था जिसमें महिला के कैद होने की जानकारी दी गई थी. जानकारी मिलते ही आयोग की टीम वहां पहुंची. लेकिन जब घर के लोगों ने दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया तो आयोग को पुलिस की मदद लेनी पड़ी. काफी कोशिशों के बाद पड़ोसी की छत पर चढ़कर वे लोग घर के भीतर पहुंचे. जहां 50 साल की महिला खुली छत पर पड़ी थी.
आयोग ने कहा कि महिला की हालत दयनीय थी. वह कई दिनों से भूखी थी और हड्डियां दिखने तक कमजोर हो चुकी थी. उसे खुली छत पर रखा गया था जिसमें कोई कमरा या शौचालय नहीं था और छत में महिला के मलमूत्र के ढेर लगे थे. महिला ने बताया कि उसे खाने के लिए चार दिन में एक ब्रेड का टुकड़ा दिया जाता था. 4 सालों से यही हो रहा है और वह तब से ही किसी से नहीं मिली. आयोग ने बताया कि मामले में रोहिणी सेक्टर 7 के थाने में एफआईआर दर्ज की गई है और महिला को अस्पताल भेज दिया गया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने कहा कि महिला के साथ जो हो रहा था ये जानकर मैं सकते में हूं. वह केवल 50 साल की है, लेकिन वह 90 से अधिक की दिखती है. उसकी भुखमरी से ऐसी हालत है कि वे अपनी थोड़ी भी देखरेख खुद नहीं कर सकती. मैं सभी नागरिकों से आग्रह करती हूं कि कृपया आगे आएं और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करें ताकि अधिक लड़कियों और महिलाओं को बचाया जा सके.
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