नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर छाया मुंबई का जादू ऐसा छाया कि जाम लगने लगा, वड़ा पाव खाने के लिए लोग घंटों इंतजार करने लगे लेकिन यह बात दिल्ली नगर निगम (MCD) को रास नहीं आई और उन्होंने वड़ा पाव का स्टॉल बंद करा दिया. वड़ा पाव गर्ल के नाम से मशहूर लड़की का […]
नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर छाया मुंबई का जादू ऐसा छाया कि जाम लगने लगा, वड़ा पाव खाने के लिए लोग घंटों इंतजार करने लगे लेकिन यह बात दिल्ली नगर निगम (MCD) को रास नहीं आई और उन्होंने वड़ा पाव का स्टॉल बंद करा दिया. वड़ा पाव गर्ल के नाम से मशहूर लड़की का रो रोकर बुरा हाल है और सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें लड़की फूट-फूटकर कर रो रही है।
दरअसल, ये लड़की ‘वड़ा पाव गर्ल’ के नाम से मशहूर चंद्रिका गेरा दीक्षित है। चंद्रिका फुटपाथ पर स्टॉल लगाकर मुंबई की फेमस फूड वड़ा पाव बेचती है। चंद्रिका का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसके अनुसार, एमसीडी वाले उनके स्टॉल को बंद कराने पर तुले हैं। उनका कहना है कि वो उन्हें समय पर पैसे भी देती हैं लेकिन वो उनका स्टॉल बंद कराना चाह रहे हैं।
इतना ही नहीं MCD वालों ने उन्हें परेशान कर रखा है। ‘वड़ा पाव गर्ल’ का ये वीडियो देखने के बाद लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इसी पर आईटीवी नेटर्वक द्वारा किए गए सर्वे में लोगों ने बड़ा पाव वाली गर्ल के ख़िलाफ़ निगम के एक्शन और रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों को लेकर अपने अनुभव और विचार साझा किए हैं।
1.सर्वे में सबसे पहला सवाल पूछा गया कि क्या दिल्ली में रेहड़ी पर बड़ा पाव वाली गर्ल के ख़िलाफ़ निगम के एक्शन को आप सही मानते हैं?
इस पर 41.59 फीसदी लोगों ने बड़ा पाव वाली गर्ल के ख़िलाफ़ नगर निगम के एक्शन को सही माना है। वहीं 52. 21 फीसदी लोगों ने इसे सही नहीं मानते हैं। जबकि 6.20 फीसदी लोगों ने कुछ नहीं कहा।
2. सर्वे में दूसरा सवाल पूछा गया कि क्या नगर निगम के अधिकारी रेडड़ी पटरी वालों को परेशान करते हैं ?
इसके जवाब में 73.45 फीसदी लोगों ने ये माना है कि नगर निगम के अधिकारी रेहड़ी पटरी वालों को परेशान करते हैं। वहीं 25.66 प्रतिशत लोगों का कहना है कि रेहड़ी पटरी वालों को नगर निगम के अधिकारी परेशान नहीं करते हैं, जबकि 0. 89 फीसदी लोगों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
3. सर्वे में तीसरा प्रश्न पूछा गया कि नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के ख़िलाफ़ क्या एक्शन होना चाहिए ?
इस पर 23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए। वहीं 10.61 प्रतिशत लोगों का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिए। इसके अलावा 24. 77 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों पर आर्थिक दंड लगाना चाहिए। वहीं 28. 31 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। जबकि, 13. 31 प्रतिशत लोगों ने कुछ भी नहीं कहा।
4.सर्वे में चौथा प्रश्न पूछा गया कि क्या रेहड़ी-पटरी पर रोज़गार चला रहे लोगों को प्रताड़ित करने वाले क़ानून ख़त्म होने चाहिए ?
इस प्रश्न के जवाब में 67. 25 लोगों ने ये माना कि रेहड़ी-पटरी पर रोज़गार चला रहे लोगों को प्रताड़ित करने वाले क़ानून ख़त्म होने चाहिए। वहीं 30. 08 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इस कानून को खत्म नहीं होना चाहिए और 2. 67 प्रतिशत लोगों ने कुछ भी नहीं कहा।