दिल्ली में प्रोफेसरों से बातचीत के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ा रहीं एक एड हॉक प्रोफेसर ने परेशानियों के बारे में बातचीत की. जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि आपको एड-हॉक हटा ही देना चाहिए. प्रोफेसर ने बताया कि कैसे हमे पढ़ाने के अलावा और भी कामों में व्यस्त रखा जाता है. जिसके चलते हम अपने भविष्य के लिए कुछ नहीं कर सकते यहां कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी हमें अगले दिन फोन करके कहा जाता है कि कॉलेज ज्वाइन करो.
नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नई दिल्ली के सिरी फोर्ट में प्रोेफेसरों से बातचीत की. इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय में एड-हॉक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर इकोनॉमिक्स पढ़ाने वाली प्रोफेसर ने अपनी परेशानियां कांग्रेस चीफ से शेयर की उन्होंने कहा कि एड-हॉक हमारे ऊपर एक दाग की तरह है जिसे हम मिटाना चाहते हैं. उन्होंने कहा हमारा अप्वाइंटमेंट चार-चार महीने के लिए एक रिचार्ज कूपन की तरह होता है. हमसे सारे काम लिए जाते हैं लेकिन हमारा भविष्य में है. इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि एड-हॉक हटा ही देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली विवि में 11 साल पहले इसी उम्मीद के साथ आई थी कि पढ़ाने के साथ-साथ मैं खुद के लिए भी समय दे पाऊंगी, अपने भविष्य और उज्ज्वल बना पाऊंगी लेकिन सारे काम हमसे से कराए जाते हैं इसलिए हमें अपने लिए समय ही नहीं मिलता. यहां तक कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी हमें अगले दिन फोन करके बुलाया जाता है कि आइए और कॉलेज ज्वाइन कीजिए.
प्रोफेसर ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय में इवेल्यूशन करना है एड-हॉक टीचर को ढूंढते हैं, पढ़ाना है तो भी एड-हॉक टीचर को ढूंढते हैं, एडमिशन कराना है तो भी एड-हॉक टीचर को ढूंढते हैं, इंविजिलेशन कराना है तो भी एड-हॉक टीचर को ढूंढते हैं इसके अलावा अगर कॉलेज में किसी तरह का फंक्शन कराना है तो भी एड-हॉक टीचर को ढूंढते हैं. उन्होंने कहा यहां तक की अगर कॉलेज के किसी कार्यक्रम में भी भीड़ जुटानी है तो भी एड-हॉक टीचर को ढूंढा जाता है. लेकिन हमारा भविष्य अंधकारमय है. मैं विश्वविद्यालय से जुड़ते समय सोचा था कि अपने लिए भी समय निकालूंगी, कुछ लिखूंगी लेकिन हमारे पास कोई टाइम नहीं है.
प्रोफेसर ने कहा कि हमें एक दिन की छुट्टी नहीं मिलती कि कहीं जाकर सेमिनार अटेंड कर सकें, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वाइन कर सकें या कुछ लिख सकें. अगल बेटा बीमार है तो हम क्या करें उसकी बीमारी देखें या अपना काम देेंखे. यहां तक की कोई मेटरनिटी लीव नहीं, यहां तक की सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी हमें अगले दिन फोन करके बुलाया जाता है कि आइए और कॉलेज ज्वाइन कीजिए.
#WATCH: An Ad-hoc professor of Delhi University explains the problems of ad-hoc professors to Congress President Rahul Gandhi, at an interaction event in Delhi pic.twitter.com/6QDzAmKV4j
— ANI (@ANI) September 22, 2018
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