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Delhi: गांधी और जेपी की विरासत बचाने की लड़ाई पहुंची SC, आज होगी सुनवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के राजघाट स्थित महात्मा गांधी, संत विनोबा और जयप्रकाश नारायण की विरासत सर्व सेवा संघ भवन को वाराणसी के जिला प्रशासन ने गिराने का आदेश दिया था, उनके इस फैसले के खिलाफ संस्था से जुड़े लोगों द्वारा पिछले 50 दिन से राजघाट पर धरना दिया जा रहा है. लेकिन प्रशासन […]

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Delhi: गांधी और जेपी की विरासत बचाने की लड़ाई पहुंची SC, आज होगी सुनवाई
  • July 14, 2023 11:21 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के राजघाट स्थित महात्मा गांधी, संत विनोबा और जयप्रकाश नारायण की विरासत सर्व सेवा संघ भवन को वाराणसी के जिला प्रशासन ने गिराने का आदेश दिया था, उनके इस फैसले के खिलाफ संस्था से जुड़े लोगों द्वारा पिछले 50 दिन से राजघाट पर धरना दिया जा रहा है. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं होने पर संघ के लोगो ने एक याचिका SC में लगाई है जिस पर आज कोर्ट सुनवाई करेगा.

राजमोहन गांधी ने PM को लिखा पत्र

महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने PM नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर इस पर दखल देने और विरासत को बचाने की मांग की है. वहीं विपक्ष इसपर हमलावर हो रहा है. प्रियंका गांधी ने जिला प्रशासन के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि संघ भवन को तोड़ने के इस फैसले को जनता कभी माफ नहीं करेगी.

सत्याग्रह पर बैठे लोगों ने क्या कहा?

राजघाट पर संघ भवन को बचाने के लिए धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि यह भवन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण और संत विनोबा जैसे महापुरुषों की विरासत है. इस संगठन को बनाने में जयप्रकाश नारायण और देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जैसे महान लोगों ने अपना योगदान दिया है, संघ की स्थापना महात्मा गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए लिए किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी को इसमें दखल देना चाहिए और विरासत को बचाना चाहिए.

हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत

बतादे कि इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बीते 3 जुलाई को संघभवन बचाने के लिए एक याचिका लगाई गई थी। याचिकाकर्ता ने 26 जून 2023 के भवन गिराने सम्बंधी आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि यह भवन 60 साल पुराना है यह किसी की निजी संपत्ति नहीं है और यह संस्था समाज की भलाई के लिए काम करती है लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज दिया था। वही रेलवे की तरफ से लगाई गई नोटिस को माने तो यह संपत्ति कशी रेलवे स्टेशन के पास राजघाट पर 13 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से बनी है.

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