नई दिल्ली: केंद्र गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में दिल्ली ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े बिल को पेश करेंगे. इस बिल पर मोदी कैबिनेट पहले ही मुहर लगा चुकी है. राज्य की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी केंद्र के इस अध्यादेश का जमकर विरोध कर रही है. AAP संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अध्यादेश के खिलाफ बड़े विपक्षी दलों का समर्थन भी मिल चुका है. ऐसे में आज जब लोकसभा में इस बिल को पेश किया जाएगा तो विपक्ष के भारी हंगामे के आसार हैं.
आज लोकसभा में पेश किया जाने वाला दिल्ली सेवा बिल 19 मई को जारी किए गए अध्यादेश से अलग है. इसमें तीन प्रमुख संशोधन हुआ है. सेक्शन 3 A को बिल से हटा दिया गया है. इसके साथ ही इसमें सेवाओं से संबंधित कानून बनाने का अधिकार दिल्ली विधानसभा को नहीं दिया गया है. इसके स्थान पर बिल में 239 AA पर ज्यादा जोर दिया गया है, जो केंद्र सरकार को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाने का अधिकार प्रदान करता है. अथॉरिटी द्वारा अपनी गतिविधियों की एनुअल रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा और संसद को देने के प्रावधान को भी हटा दिया गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई. इस अध्यादेश में दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकारों को स्पष्ट किया गया है. अध्यादेश के दोनों सदनों में पास होने का बाद दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग की असली ताकत उपराज्यपाल के पास ही रहेगी.
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