नई दिल्ली. दिल्ली में प्रदूषण ( Delhi Pollution ) से स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती ही जा रही है, राजधानी में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों का खुली हवा में सांस लेना दुश्वार हो गया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अपनाती नज़र आ रही है, इसे लेकर […]
नई दिल्ली. दिल्ली में प्रदूषण ( Delhi Pollution ) से स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती ही जा रही है, राजधानी में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों का खुली हवा में सांस लेना दुश्वार हो गया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अपनाती नज़र आ रही है, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस कदम जल्द उठाने की सख्त हिदायत दी है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब प्रदूषण की समस्या को लेकर केंद्र सरकार एक्शन के मूड में आ गई है, जिसके तहत आज केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रदूषण कम करने के संभावित उपायों की चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई है.
दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर होते जा रही है, हाल ही में प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, जिस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है. इसी के साथ कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मंगलवार तक प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. ऐसे में केंद्र ने यह सुझाव दिया कि प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली में ट्रक की एंट्री को बैन कर देना चाहिए. कोर्ट में दाखिल केंद्र के हलफनामे के मुताबिक़, दिल्ली में 76 फीसदी प्रदूषण धूल, परिवहन और इंड्रस्टी की वजह से होता है. केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील तुषार मेहता ने कहा कि पराली की जगह प्रदूषण बढ़ने का कारण धूल, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री है.
प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार के लॉकडाउन के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अपनी असहमति जताई है. केंद्र का कहना है कि प्रदूषण की समस्या एक या दो दिन की नहीं है, और लॉकडाउन इसका कोई हल नहीं है. इसपर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार को पहले ही इन दो उपायों पर सोचना था, ऑड-ईवन और दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन.