नई दिल्ली. इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण (Delhi Pollution) की भारी मार झेल रही है. दीपावली के बाद से ही राजधानी की हवा लगातार खराब बनी हुई है. इसके पीछे किसानों का पराली जलाना और आतिशबाजी को मुख्य कारण बताया जा रहा है. बीते दिन दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से कम […]
नई दिल्ली. इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण (Delhi Pollution) की भारी मार झेल रही है. दीपावली के बाद से ही राजधानी की हवा लगातार खराब बनी हुई है. इसके पीछे किसानों का पराली जलाना और आतिशबाजी को मुख्य कारण बताया जा रहा है. बीते दिन दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से कम दर्ज किया गया था, लेकिन अब फिर एक बार दिल्ली की हवा ने अपना रुख बदला है. फिलहाल दिल्ली की आबोहवा बेहद गंभीर श्रेणी में बनी हुई है.
Delhi | Air Quality Index (AQI) is presently at 339 (overall) in the 'very poor' category, as per SAFAR-India
— ANI (@ANI) November 26, 2021
राजधानी में प्रदूषण से हालत बिगड़ते ही जा रहे हैं, बीते दिन प्रदूषण के स्तर में गिरावट आने से लोगों ने राहत भरी सांस ली थी. लेकिन, अब एक बार फिर हवा ने अपना रुख मोड़ लिया है. एक बार फिर प्रदूषण का स्तर अपने निचले पायदान पर पहुँच गया है. सफर इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में आज सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 दर्ज किया गया, जो कि ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में आता है.
सुप्रीम कोर्ट ने खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है. कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि निर्माण गतिविधियों पर रोक रहने की अवधि के दौरान वे श्रमिकों को श्रम उपकर के तौर पर एकत्रित धनराशि में से गुजारा भत्ता दें.
जीरो से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच AQI को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोज़ाना खतरनाक और बेहद खतरनाक स्तर पर बना रहता है ऐसे में प्रदेशवासियों के लिए खुली हवा में सांस लेना भी दूभर हो गया है. प्रदूषण के चलते लोग आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं. हालांकि, दिल्ली में अब तेज़ हवाओं का दौर शुरू हो गया है, जिससे प्रदूषण के कम होने के आसार हैं.