दिल्ली: नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:30 बजे प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास देश को समर्पित करेंगे। जानकारी के मुताबिक ये परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का एक अभिन्न हिस्सा है। पीएम मोदी इस मौके पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10:30 बजे प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास देश को समर्पित करेंगे। जानकारी के मुताबिक ये परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का एक अभिन्न हिस्सा है। पीएम मोदी इस मौके पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इस परियोजना को बनाया गया है और ये पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
बताया जा रहा है कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रगति मैदान में विकसित किए जा रहे नए विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर और प्रदर्शनी तक सुगम पहुंच प्रदान करना है। जिससे प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रदर्शकों और आगंतुकों की आसानी से भागीदारी हो सके। खबरों के मुताबिक इस परियोजना का प्रभाव प्रगति मैदान से बहुत आगे का होगा और ये वाहनों को परेशानी मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने के साथ ही यात्रियों के समय और आवाजाही पर आने वाली लागत को काफी हद तक कम करेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार मुख्य सुरंग पुराना किला रोड के माध्यम से रिंग रोड को इंडिया गेट से जोड़ती है। छह लेन में विभाजित इस सुरंग के कई उद्देश्य हैं, जिसमें प्रगति मैदान की विशाल बेसमेंट पार्किंग तक पहुंच भी शामिल है। इस सुरंग की पार्किंग स्थल के दोनों ओर से यातायात की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए मुख्य सुरंग सड़क के नीचे दो क्रॉस सुरंगों का निर्माण भी किया गया है।
बता दे कि आज के दिन ही शाम को प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड की ऐतिहासिक मशाल रिले की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर वो वहां उपस्थित लोगों को भी संबोधित करेंगे। इसे लेकर पीएमओ ने बताया कि शतरंज के साथ भारत के रिश्ते को और नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से शतरंज ओलंपियाड के लिए मशाल रिले की ये ऐतिहासिक परंपरा अब हमेशा भारत से ही शुरू होगी और मेजबान देश तक पहुंचने से पहले सभी महाद्वीपों से हो कर जाएगी। बताया जा रहा है कि फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच इस मशाल को प्रधानमंत्री मोदी को सौंपेंगे, जिसे पीएम आगे महान ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को सौंपेंगे। इस मशाल को आयोजन स्थल महाबलीपुरम पहुंचने से पहले लगभग 40 दिनों की अवधि के दौरान भारत के 75 शहरों में ले जाया जाएगा।
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