नई दिल्ली: आबकारी नीति मामले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई थी, जिसे आज उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है. याचिका कर्ता ने कहा था कि शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
इससे पहले शराब नीति मामले में 40 दिनों तक तिहाड़ जेल में बंद रहे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल को 24 दिनों के लिए जमानत दी है. इसके बाद 2 जून को उन्हें हर हाल में सरेंडर करना होगा.
बता दें AAP सुप्रीमो को यह जमानत लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए मिली है. जब इस मामले की पिछली सुनवाई हुई थी उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 5 साल में आते हैं और ये असाधारण परिस्थिति है. अदालत ने शुक्रवार को शर्तों के आधार पर अरविंद केजरीवाल को जमानत दी. कोर्ट ने कहा कि हमारी शर्त है कि वे (केजरीवाल) सरकार के काम में बिल्कुल भी दखलंदाजी नहीं करेंगे. न ही कोई आधिकारिक कार्य करेंगे. अगर ऐसा हुआ तो फिर ये हितों का टकराव होगा.
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक मिली अंतरिम जमानत
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