नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में ऑड ईवन लागू होने से वायु प्रदूषण पर असर नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर किया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीपीसीबी से पूछा कि दिल्ली में ऑड ईवन से कितना फायदा हुआ. इस पर सीपीसीबी ने कहा कि ऑड ईवन से राजधानी में 3 फीसदी से ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि एयर क्लीनिंग डिवाइस कब लगेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पंजाब, हरियाणा, यूपी में अभी भी पराली जलाई जा रही है. इसको लेकर सेटेलाइट इमेज भी है. सुप्रीम कोर्ट ने ने पंजाब, हरियाणा, यूपी सरकार और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को तलब कर 29 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा. साथ ही कोर्ट के आदेश के तहत अनुपालन रिपोर्ट भी देने को कहा. साथ ही सभी मुख्य सचिवों को 25 नवंबर तक हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से भी सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एयर क्लीनिंग डिवाइस को लगाने के लिए कितना समय लगेगा? चीन ने कैसे प्रदूषण पर नियंत्रण किया? कोर्ट में एक्सपर्ट ने बताया कि हमारे यहाँ 1 किलोमीटर वाला एयर क्लीनिंग डिवाइस है, चाइना में 10 किलोमीटर तक कवर करता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आप छोटे इलाक़े को क्यों कवर करना चाहते हैं. इस समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 600 को पार कर गया है. घर के कमरों में भी ऐसी ही स्थिति है. वायु प्रदूषण से हर कोई प्रभावित हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि एयर प्यूरीफायर टॉवर दिल्ली में लगाने को लेकर रोड मैप तैयार करे. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि हम डेटा के जरिये ये जानना चाहते हैं कि ऑड ईवन से फायदा हुआ या नहीं.
इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि 10 अक्टूबर से हवा बेहद खराब हो गई. कोर्ट ने कहा- हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जब प्रदूषण स्तर अपने चरम पर है और आपने ओड ईवन लागू किया है तो इसका क्या असर हुआ है?
वहीं केंद्र सरकार ने डेटा के जरिये कहा कि ऑड ईवन से प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ा है. दिल्ली सरकार ने कहा कि प्रदूषण का मुख्य जिम्मेदार पराली है. 60 फ़ीसदी प्रदूषण दिल्ली का अपना है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड ईवन से इस साल प्रदूषण 5 से 15 फीसदी प्रदूषण कम हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट सीपीसीबी से पूछा ऑड ईवन से फायदा हुआ या नहीं? सीपीसीबी ने कहा 3 फीसदी से ज्यादा नहीं. कार 3 फीसदी, ट्रक 8 फीसदी, दो पहिया 7 फीसदी और तीन पहिया 4 फीसदी प्रदूषण फैलाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने ऑड ईवन के दौरान केवल कार को चुना? जबकि दूसरे वाहन ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं. बाकी को लेकर आप क्या सोचते हैं. कोर्ट ने कहा कि केवल कार पर ऑड ईवन पर रोक लगाने से काम नहीं चलेगा. क्योकि ये इतना प्रभावी नही हैं . जस्टिस गुप्ता ने कहा कि जिन देशों में ऑड ईवन लागू है वहाँ पब्लिक ट्रांसपॉर्ट मजबूत और फ्री हैं.
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