नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी संशोधन अधिनियम-2021 पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इससे महिलाएं विशेष परिस्थितियों में गर्भपात करवा सकती हैं। वहीं एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर की राय पर गर्भधारण के 20 सप्ताह के अंदर और विशेष परिस्थितियों में 20-24 सप्ताह में दो आरएमपी की राय पर गर्भपात करवाना संभव हो सकेगा।
उपराज्यपाल सक्सेना ने अधिनियम के अधिसूचित होने में दो साल की देरी पर निराशा जताई और दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया। एमटीपी एक्ट में संसद से संशोधन के दो वर्ष बाद दिल्ली सरकार महिलाओं के अनुकूल संशोधनों को लागू करेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में एमटीपी एक्ट में बड़े बदलाव कर ये प्रावधान किए थे।
फॉर्म-एक में किए गए मुख्य संशोधनों के लिए – केवल एक आरएमपी का नाम, योग्यता और पता भरना जरूरी होगा। इसके अलावा फॉर्म में विवाहित महिला शब्द बदल कर सिर्फ महिला किया गया है। इसी तरह पति की जगह साथी कर दिया गया है। नियम तय करने वाले फॉर्म दो में गर्भावस्था की अवधि के संबंध में तीन अतिरिक्त उप-शीर्ष जोड़े गए हैं व गर्भधारण के सप्ताहों के आधार पर गर्भ समाप्त करने के कारणों को ए, बी और सी ग्रुप में बांटा गया है।
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