Delhi NCR North India Air Pollution Smog: देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के यूपी और बिहार के शहरों में भी हवा इतनी जहरीली है कि अगर इंसान सिर्फ सांस भी ले तो उसके लिए जानलेवा बन जाए. दिवाली के बाद से तो एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर लगातार खतरनाक है. खास बात है कि इस मुद्दे पर एक तरफ तो लोग जमकर सरकार को घेर रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर खुद जमकर पटाखे चलाकर वायु प्रदूषण की हालत को खतरनाक करने में पूरा सहयोग दे रहे हैं.
नई दिल्ली. दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों के शहरों की हवा इतनी ज्यादा प्रदूषित है कि अगर इंसान सिर्फ सांस भी ले तो उसके लिए जानलेवा बन जाए. दिवाली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है. दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी घोषित की गई है. पीएम 2.5 का स्तर 50 से 100 अंक पर होना चाहिए लेकिन पहुंच 500 से ज्यादा रहा है. जहां-जहां भी प्रदूषण का स्तर बेहद खराब वहां लोगों को घर से कम निकलने की सलाह दी जा रही है. खास बात है कि हमें इस होने वाली स्थिति का पहले से अंदाजा था.
सरकार और प्रशासन ने दिवाली से पहले ही खराब होते जा रहे प्रदूषण के स्तर को खतरनाक होने का अनुमान जताया था. आम जनता को अलर्ट किया गया. वायु प्रदूषण का वास्ता देकर दिवाली पर कम से कम पटाखे फोड़ने की सलाह भी दी गई लेकिन माना कौन, कोई नहीं. दिवाली पर दिल्ली- एनसीआर, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, पटना समेत देश के कई शहरों में लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े, जहां की हवा पहले से प्रदूषण की मार झेल रही थी.
वायु प्रदूषण को रोकना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, आप भी देश के नागरिक हैं
दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, कानपुर, लखनऊ, बिहार के मुजफ्फरपुर, गया, पटना, हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और कैथल समेत देश के कई शहरो में पीएम 2.5 के आधार पर वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक है. वायु प्रदूषण को लेकर पूरे देश में लोगों की हाहाकार है. लेकिन सवाल है कि हम इसके लिए कितने जिम्मेदार हैं और कितना जिम्मेदारी समझते हैं.
सिगरेट पीने से लेकर कागज के टुकड़े को जलाने से भी वायु प्रदूषण का स्तर खराब होता है. और जैसी हालात उत्तर भारत की है, यहां तो आप धुएं को भूल ही जाइए. इसी वजह से दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश थे कि सिर्फ रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक पटाखे चलाएं जाएं.
बाद में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को राज्य में लागू किया. लेकिन दिवाली की रात लोगों ने सभी नियम ताक पर रख दिए और सुबह उठकर आसमान देखकर सरकार की नाकामी दिखाकर खुद की गलती छुपा ली.
वायु प्रदूषण के लिए सिर्फ दिवाली के पटाखे नहीं, पराली भी कुछ जिम्मेदार
दिवाली के पटाखों को ही सिर्फ उत्तर भारत में फैले वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कहना भी ठीक नहीं है. पंजाब और हरियाणा में जलाई गई पराली भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है.
वायु प्रदूषण को लेकर किसानों को भी पराली जलाने से मना किया गया था लेकिन यहां भी निर्देश धरे के धरे रह गए. रोक के बावजूद किसानों ने पराली जलाई जिसकी वजह उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सैकड़ों किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए जा चुके हैं.
हालात सामान्य चाहते हैं तो सरकार के साथ आप भी आगे आकर हाथ बढ़ाएं
सिर्फ सरकार के भरोसे आप रहेंगे तो ये आपके लिए ही नुकसानदायक है. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार अलग-अलग स्तर पर कोशिश कर रही है. दिल्ली समेत कई दूसरे राज्यों के शहरों में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. 4 नवंबर से दिल्ली में ऑड-ईवन प्रक्रिया लागू है.
यूपी में भी योगी आदित्यनाथ सरकार कदम उठा रही है लेकिन सरकारों के ये प्रयास सिर्फ तभी काम कर सकते हैं जब आपका भी इसमें पूरा योगदान होगा. अगर आम लोग और सरकार मिलकर वायु प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाते हैं तो हालात सामान्य होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.