Delhi NCR Diwali Parali Pollution NGT, Delhi NCR me Pradushan per NGT ka Aadesh, Delhi NCR Diwali Pollution, Delhi NCR Diwali Crackers Ban, Delhi NCR Pollution Arvind Kejriwal Odd Even Scheme, Delhi NCR Pollution PM 10 PM 2.5 Particles: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का मौसम आ गया है. दिवाली में पटाखों के धुएं से पहले किसानों के पराली जलाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और यूपी के अधिकारियों को एनजीटी ने फटकार लगाई और कहा कि सीधे एक्शन प्लान बताएं कि कैसे रोकेंगे. एनजीटी ने हरियाणा के कृषि महानिदेशक को फटकार लगाई है. पंजाब के अधिकारियों को भी डांट लगी है. हरियाणा और पंजाब की खेतों में अगली बुआई से पहले किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है.
नई दिल्ली. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल- एनजीटी ने दिल्ली और एनसीआर में दिवाली से पहले पड़ोसी राज्यों में किसानों के पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण पर सख्ती दिखाई है. एनजीटी ने हरियाणा के कृषि विभाग के महानिदेशक को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने जो किया है, आपको ही दिख रहा है, किसी और को दिख नही रहा है. प्रदूषण बढ़ रहा है. एनजीटी ने पूछा कि आप अपनी नाकामी पर क्या कहेंगे? आपको प्रदूषण रोकने में अपनी नाकामयाबी के बारे में बताना है और इसे कैसे ठीक करेंगे ये बताइए. ये मददगार होगा. वहीं एनजीटी ने उत्तर प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से कहा कि आप पॉल्युशन को लेकर सीरियस नहीं है. जब फसल जलना शुरू होता है, तब आप जगते हैं. उससे पहले क्या करते हैं, कुछ मालूम नहीं? हम निराश हैं आपसे. कोर्ट ने यूपी, पंजाब और हरियाणा सरकार से 15 नवंबर तक जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि हलफनामा दायर कर बताएं कि आपने प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया है.
पंजाब के सेक्रेटरी जनरल भी एनजीटी में पेश हुए. सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि 2016 की तुलना में फिलहाल फसलों के जलाने के मामले में कमी आई है. हमने जिस इलाके में देखा कि फसल जलाए जा रहे हैं, हमने वहां कैम्प लगाए और एक-एक किसान से सम्पर्क किया और किसानों को जागरूक किया. हमारे सीएम ने किसानों से मुलाकात की. सीएम ने किसान मेला भी लगाया है. अभी हाल ही में गुरु जी के माध्यम से सीएम किसानों को एक वीडियो मैसेज देकर जागरूक कर रहे है. एक मुहिम चलाई जा रही है, 60 हजार छात्र गांव में जाएंगे और फसल जलाने के खिलाफ किसानों और परिजनों को जागरुक करेंगे. सभी प्राइवेट कंपनियों के साथ भी इसको लेकर मीटिंग हो रही है. कंपनी मशीन मंगा रही है जिससे किसानों को फायदा हो और वो पराली न जलाएं. एनजीटी ने इस पर कहा कि ये सब बातें सबको पता है. सेक्रेटरी जनरल ने बताया, हम जो भी एक्शन ले रहे है उससे फायदा होगा.
एनजीटी में कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी पेश हुए. एनजीटी ने कहा, हमे केवल समाधान बताइए. आप जो बोलेंगे, वो पेपर पर है. क्या आपने कोई स्टडी की है. कैसे जमीन की उपज यानी उत्पादकता कम हो रही है. कितना प्रोडक्शन कम हो रहा है. कितना नुकसान हो रहा है. जहां पराली जलाया जाता है वहां का प्रोडक्शन और जहां पराली नहीं जलाया जाता है, वहां के प्रोडक्शन में क्या अंतर है. इस पर ज्वाइंट सेक्रेटरी ने कहा कि पीएमओ ने भी प्रदूषण को लेकर कई मीटिंग ली है. कृषि सचिव और पर्यावरण सचिव हर सप्ताह मीटिंग करते हैं. एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण लेवल बहुत ऊपर जाने वाला है. अभी ही चला गया है. अगले 15 दिनों में और ज्यादा ऊपर जाने वाला है. सबको इसको रोकने के लिए एक्शन लेना है.
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सेक्रेटरी जनरल ने कहा, पिछले शुक्रवार को मीटिंग हुई थी इस बारे में तीन राज्यो को बताया गया. कस्टमराइजिंग सेंटर के लिए 80 फीसदी पैसा केन्द्र देता है. 20 फीसदी राज्य देता है. किसानों के माइंड सेट को बदलना है. जज ने पूछा, आपको क्या लगता है कि ये फसल क्यो जलाते है. क्या पैसे की दिक्कत है. सेक्रेटरी ने जवाब में कहा, ये नही लगता कि पैसे की दिक्कत है क्योंकि उनके व्यवहार में हो गया है. अभी कुछ दिनों पहले मैं करनाल गया था वहां खेत जल रहे थे मैंने किसानों से पूछा ऐसा क्यों कर रहे है उन्होंने कहा धनिया उगाते है हम इसलिए ऐसा कर रहे है. उनके व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है. 600 करोड़ रुपये हम मशीनों को लिए दे रहे है. भारत सरकार दे रही है ये रकम. भारत सरकार कई तरह के स्किम चला रही है.
NGT ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सरकार को लगाई फटकार, 15 नवंबर तक मांगा जवाब
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सरकार से 15 नवंबर तक पराली जलाने के मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है. एनजीटी ने पूछा है कि आपने पराली जलाने से रोकने के लिए क्या किया यह कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताएं. एनजीटी ने तीनों राज्यों पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें प्रयास नहीं नतीजे चाहिए. आम जनता को सरकार की गैर जिम्मेदारी के चलते प्रदूषण झेलने पर क्यों मजबूर होना चाहिए. एनजीटी ने सभी राज्यों को हिदायत दी कि वह हर हाल में अपने अधिकारियों को जिम्मेदार बनाते हुए पराली जलाने से रोकने की हर संभव कोशिश करें.