नई दिल्ली: मेट्रो के गेट में साड़ी फंसने से एक महिला की मौत के एक हफ्ते बाद, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने मृतक के परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा, डीएमआरसी ने मृत के दोनों बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लेने का फैसला किया है। इसके लिए अधिकारियों की एक टीम गठित की गयी है.
इस मामले में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी निर्देश दिया है कि बच्चों की देखभाल और शिक्षा दिल्ली मेट्रो प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। 14 दिसंबर को रेड लाइन पर इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर महिला यात्री हादसे का शिकार हो गई थी। 16 दिसंबर को अस्पताल में महिला को मृत घोषित कर दिया था। दिल्ली मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल ने जानकारी दी कि मेट्रो रेलवे दावे की प्रक्रिया नियम 2017 के प्रावधानों के अधीन मृत रीना के परिजन को पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा मृतका के बच्चों को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी। चूंकि मृतका के दोनों बच्चे अभी नाबालिग हैं, ऐसे में यह राशि किसे दी जाएगी, इसके लिए मेट्रो कानूनी राय ले रही है।
घटना कैसे हुई और मेट्रो का गेट क्यों नहीं खुला, मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) इसके जांच में जुट गया है। इसकी जांच कब खत्म होगी इस बारे में मेट्रो की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है। डीएमआरसी के सूत्रों ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस तरीके के हादसे न हो इसको लेकर एक विस्तृत योजना तैयार की जाएगी। अभी फिलहाल भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं।
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