नई दिल्ली: होली का त्योहार बस कुछ ही दिन की दूर है. ऐसे में अगर आप भी इस दिन कहीं बाहर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए ये जान लेना जरूरी है कि इस दिन परिवहन व्यवस्था किस तरह से प्रभावित रहने वाली है. आइए जानते हैं होली के दिन क्या रहेगा […]
नई दिल्ली: होली का त्योहार बस कुछ ही दिन की दूर है. ऐसे में अगर आप भी इस दिन कहीं बाहर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए ये जान लेना जरूरी है कि इस दिन परिवहन व्यवस्था किस तरह से प्रभावित रहने वाली है. आइए जानते हैं होली के दिन क्या रहेगा मेट्रो का हाल और दिल्ली में कब तक चलेंगी बसें.
Delhi Metro services on the day of the Holi festival, March 8 will not be available till 14.30 hrs on all lines of Delhi Metro including the Rapid/Airport Express line: DMRC pic.twitter.com/2RBs3aJ9VA
— ANI (@ANI) March 6, 2023
होली के त्योहार के दिन यानी 8 मार्च को दिल्ली मेट्रो की सेवाएं भी प्रभावित रहेंगी. बता दें, होली के दिन रैपिड/एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन सहित दिल्ली मेट्रो की सभी लाइनों पर दोपहर 2.30 बजे तक उपलब्ध नहीं रहेंगी। DMRC ने इस बात की जानकारी दी है. दूसरी ओर राजधानी में होली के दिन बस सेवाएं भी प्रभावित रहेंगी. दोपहर 2 बजे के बाद दिल्ली में DTC बसें चलेंगी.
भारत में रेलवे आम जनता के लिए लाइफलाइन का काम करती है. एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए ट्रेनें बहुत बड़ा नेटवर्क उपलब्ध करवाती हैं. इसी रेलवे सिस्टम को लेकर सरकार भी बड़े-बड़े दावे करती आई है. जहां बुलेट ट्रेन चलाने की बात की जा रही है लेकिन दूसरी ओर त्योहारों पर घर जाने के लिए लोगों को संकट का सामना करना पड़ रहा है. कानपुर सेंट्रल पर इसी तरह का दृश्य देखने को मिला जहां लोगों के बीच बिहार जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए मारामारी तक हो गई. एक अनुमान के अनुसार इस कोच में एक ही समय में 400 से अधिक परिवार सवार हो गए थे.
भारत में त्योहारों के समय में इसी तरह का नज़ारा देखने को मिलता है जहां ट्रेन में चढ़ने और उतरने वाले तो दूर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के बीच मारामारी देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार ज़्यादा यात्री दिल्ली से ट्रेन में सफर करते हुए आ रहे थे. इस दौरान कोच पर इतना भार बढ़ गया कि उसकी स्प्रिंग ही बैठ गई. आखिर में कानपुर सेंट्रल स्टेशन को सूचना दी गई और आरपीएफ के पुलिस वालों ने आकर कोच को खाली करवाया. उन्हें दूसरे कोच में शिफ्ट करवाया गया और फिर ट्रेन आगे बढ़ी.