Delhi Liquor Scam Case: शराब घोटाले में कैसे फंसे अरविंद केजरीवाल?

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि ईडी की टीम गुरुवार देर शाम केजरीवाल के आवास पहुंची, जहां कुछ देर पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल […]

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Delhi Liquor Scam Case: शराब घोटाले में कैसे फंसे अरविंद केजरीवाल?

Nidhi Kushwaha

  • March 21, 2024 9:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि ईडी की टीम गुरुवार देर शाम केजरीवाल के आवास पहुंची, जहां कुछ देर पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी पर राहत देने से इनकार कर दिया था

वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जानकारी दी थी कि ईडी की टीम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। पुलिस ने उन्हें सीएम आवास के अंदर नहीं जाने दिया था। इसके अलावा AAP नेता आतिशी ने भी दावा किया था कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए आई है। बता दें कि सीएम केजरीवाल पर कथित शराब घोटाला को लेकर आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस कथित शराब घोटाला मामले के बारे में सबकुछ।

जानें कैसे फंसे सीएम केजरीवाल?

दरअसल, दिल्ली के सीएम केजरीवाल को ईडी की तरफ से पिछले साल 2 नवंबर को पहला समन भेजा गया था। ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जारी किया गया। बता दें कि ईडी की चार्जशीट में कई बार सीएम केजरीवाल का नाम आया है। उन पर ये आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-22 तैयार की जा रही थी, तब कई आरोपी केजरीवाल के संपर्क में थे।

यही नहीं, ईडी ने एक चार्जशीट में ये दावा किया है कि एजेंसी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू का बयान दर्ज भी दर्ज किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि के. कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच राजनीतिक समझ थी। इतना ही नहीं कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से मुलाकात भी की थी।

बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी दिनेश अरोड़ा ने ईडी को ये बताया कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। ईडी का कहना है कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग्स हुई थीं। जिसमें सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब कारोबार में रेड्डी की एंट्री होने पर उनका स्वागत किया था। इस पूछताछ में बुचीबाबू और आरोपी अरुण पिल्लई ने खुलासा किया कि वो एक्साइज पॉलिसी को लेकर केजरीवाल और सिसोदिया के साथ मिलकर काम कर रहे थे। इसके साथ ही आरोपी विजय नायर ने वीडियो कॉल के जरिए केजरीवाल और गिरफ्तार आरोपी समीर महेंद्रू में बात भी करवाई थी। कॉल के दौरान केजरीवाल ने समीर से कहा था कि विजय उनका आदमी है और उसे उस पर भरोसा करना चाहिए।

शराब घोटाले में हो चुकी है तीन बड़ी गिरफ्तारी

मनीष सिसोदियाः बता दें कि 26 फरवरी 2022 से मनीष सिसोदिया जेल में हैं। जिस समय दिल्ली में नई शराब नीति लागू हुई थी, तब आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के पास ही था। उन पर ये आरोप है कि आबकारी मंत्री होने के नाते सिसोदिया ने ‘मनमाने’ और ‘एकतरफा’ फैसले लिए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ और शराब कारोबारियों को इससा मुनाफा मिला।

संजय सिंहः ईडी की चार्जशीट के अनुसार, आरोपी दिनेश अरोड़ा की मुलाकात संजय सिंह से हुई थी। संजय सिंह के ही कहने पर अरोड़ा ने दिल्ली चुनाव के लिए फंड जुटाया और 32 करोड़ का चेक सिसोदिया को सौंपा था। बदले में संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मामला सुलझाया जो एक्साइज डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग था। वहीं पिछले साल 4 अक्टूबर से संजय सिंह जेल में बंद हैं।

के. कविताः ईडी ने ये दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को ‘साउथ ग्रुप’ ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थी। जिसमें के. कविता इस साउथ ग्रुप का हिस्सा थीं। इस ग्रुप में दक्षिण के राजनेता, नौकरशाह और कारोबारी शामिल हैं। ईडी की मानें तो के. कविता की मुलाकात 19-20 मार्च 2021 को आरोपी विजय नायर से हुई थी। बता दें कि इसी साल 15 मार्च को ईडी ने के. कविता को हैदराबाद से गिरफ्तार किया।

जानें क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला मामला?

गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था। इस नई पॉलिसी के तहत, शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं।

दिल्ली सरकार ने ये दावा किया कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म हो जाएगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, ये नीति शुरूआत से ही विवादों में रही और जब बवाल बढ़ने लगा तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया।

वहीं 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से कथित शराब घोटाले का खुलासा हुआ। जिसमें उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की और इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। यही नहीं इसमें पैसों की हेराफेरी का भी आरोप भी लगाया गया है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी इस केस को दर्ज कर लिया।

इसके अलावा मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया। उस वक्त सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। इस दौरान ये आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिए लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है।

साथ ही इस रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाया गया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई। एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ लौटा दिए गए, जबकि ये रकम जब्त होनी थी

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