नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि ईडी की टीम गुरुवार देर शाम केजरीवाल के आवास पहुंची, जहां कुछ देर पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल […]
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि ईडी की टीम गुरुवार देर शाम केजरीवाल के आवास पहुंची, जहां कुछ देर पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी पर राहत देने से इनकार कर दिया था
शर्मिष्टा ने कहा कि शीला दीक्षित के खिलाफ ढेर सारे सबूत होने के बावजूद एक भी सबूत जनता के सामने पेश नहीं किया गया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, “सबका हिसाब होता है।” उन्होंने आगे कहा, “जो दूसरों पर आरोप लगा रहे थे, वही अब अपने कर्मों का परिणाम भुगत रहे हैं।”
गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था। इस नई पॉलिसी के तहत, शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं।
दिल्ली सरकार ने ये दावा किया कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म हो जाएगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, ये नीति शुरूआत से ही विवादों में रही और जब बवाल बढ़ने लगा तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया।
वहीं 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से कथित शराब घोटाले का खुलासा हुआ। जिसमें उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की और इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। यही नहीं इसमें पैसों की हेराफेरी का भी आरोप भी लगाया गया है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी इस केस को दर्ज कर लिया।
इसके अलावा मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया। उस वक्त सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। इस दौरान ये आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिए लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है।
साथ ही इस रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाया गया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई। एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ लौटा दिए गए, जबकि ये रकम जब्त होनी थी