नई दिल्लीः दिल्ली सरकार की मुश्किलें कम होने का काम नहीं ले रही हैं। पहले ही सरकार के बड़े नेता मनीष सिसोदिया से लेकर संजय सिंह आबकारी नीति मामले को लेकर जेल में है। अब दिल्ली के उप राज्यपाल विनय सक्सेना के दावों ने सनसनी मचा दी है। उनका आरोप है कि दिल्ली की सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं दी जा रही है। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर बताया कि सरकारी लैब टेस्ट में की गई दवाओं की गुणवत्ता अच्छी नहीं निकली। साथ ही उन्होंने इस मामले को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की है। साथ ही उन्होंने कहा कि संभवतः यही दवाएं मोहल्ला क्लीनिकों में दी जा रही हो।
वीके सक्सेना ने दवाओं के लिए भारी भरकम खर्च किए जानें पर चिंता व्यक्त की हैं। साथ ही कहा कि इसमें राज्यों के आपूर्तिकर्ता और निर्माता शामिल है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजे गए 43 में से 3 का गुणवत्ता खराब रही बाकी 12 की रिपोर्ट आनी है। इसके अलावा 38 सैंपल गुणवत्तापूर्ण पाए गए है। जो दवाएं गुणवत्तापूर्ण नहीं पाए गए है। उसमें एम्लोडिपाइन, लेवेटिरासेटम, पैंटोप्राजोल, सेफैलेक्सिन और डेक्सामेथासेन शामिल है।
वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि समय – समय पर ऐसी सिफारिशें भेजी जाती रहती हैं लेकिन ऐसी जांच से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है। उलटा इससे दिल्ली के विकास कार्यों में बाधाएं आती होती है। इसके अलावा कांग्रेस नेता अरविंदल लवली ने कहा कि दवाई मामला एक गंभीर मुद्दा है। इस पर राजनीति न करके मेडिकल टीम से जांच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ये आम जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ है।
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