बलात्कार के आरोपी दाती महाराज को दिल्ली पुलिस द्ववारा गिरफ्तार नहीं किए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अब ये केस सीबीआई के हवाले कर दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि जिस तरह दिल्ली पुलिस ने इस केस में पूछताछ की उस पर भरोसा नहीं होता.
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में स्वयंभू बाबा दाती महाराज को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तान नहीं किए जाने पर एतराज किया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अब ये मामला सीबीआई को सौंप दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से इस मामले की जांच की है वह निराश करने वाली है. पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दाती महाराज को गिरफ्तार नहीं किया जबकि महिला का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया जा चुका है.
उधर दिल्ली पुलिस के वकील राहुल मेहरा कहा कहना है कि दाती महराज को इसलिए नहीं गिरफ्तान नही किया गया क्योंकि महिला के बयानों में विसंगतिया और विरोधाभास है. राहुल मेहरा ने आगे कहा कि इसके अलावा जिन महिलाओं के यौन उत्पीड़न की बात शिकायत में कही गई उन महिलाओं ने पूछताछ के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज कर दिया. हालांकि जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की पीठ ने राहुल मेहरा की इन दलीलों तो दरकिनार कर दिया. पीठ ने कहा कि आरोपी दाती महाराज को पुलिस ने क्यों नहीं गिरफ्तार किया. पीठ ने आगे कहा कि जब बयान धारा 164 के तहत बयान दर्ज हो गया तो फिर दिल्ली पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करना था.
अदालत ने इस मामले पर कहा कि जिस प्रकार महिला और गवाहों को एक साथ बस में ले जाकर उनसे मामले की पूछताछ की गई उससे जांच पर भरोसा नहीं होता. अदालत ने कहा कि मामला सीबीआई को हस्तांतरित किया जाए. वह पूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकती है. सीबीआई तीन सप्ताह में एक प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करेगी.
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