नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के पास की दो सार्वजनिक पार्कों को अपने कब्जे में लेने में विफल रहने पर शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाई। उच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक पार्कों का संरक्षण जरूरी है और एमसीडी जैसी अथॉरिटी उन पर […]
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के पास की दो सार्वजनिक पार्कों को अपने कब्जे में लेने में विफल रहने पर शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाई। उच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक पार्कों का संरक्षण जरूरी है और एमसीडी जैसी अथॉरिटी उन पर कब्जा नहीं खो सकती है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने एमसीडी को कानून के अनुसार दोनों सार्वजनिक पार्कोॆ का कब्जा लेने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के वकील ने अदालत (Delhi High Court) को बताया कि जामा मस्जिद से सटे उत्तरी उद्यान (नॉर्थ पार्क) और दक्षिणी उद्यान (साउथ पार्क) उनके कब्जे में नहीं हैं और इन उद्यानों पर मस्जिद अधिकारियों ने कथित तौर पर अवैध कब्जा किया हुआ है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि डीडीए ने साल 2007 में जामा मस्जिद के आसपास के पार्कों का कब्जा एमसीडी को सौंप दिया था। एमसीडी के वकील ने यह भी बताया कि हाल ही में उनके अधिकरियों को साउथ पार्क में प्रवेश की अनुमति मिली है और पार्क का रखरखाव अब एमसीडी द्वारा किया जा रहा है। वहीं, नॉर्थ पार्क पर अभी भी ताला लगा हुआ है और यह जामा मस्जिद अधिकारियों के कब्जे में है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी को कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अदालत ने एमसीडी को पुलिस से सहायता लेने का निर्देश दिया है। साथ ही पीठ ने चार हफ्ते के अंदर एमसीडी को इसका स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। उच्च अदालत ने नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि हम ऐसे देश में रहते हैं जहां कानून के नियमों का पालन नहीं होता है। कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक पार्क व्यापक रूप से जनता के लिए खुला होना चाहिए।
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बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में 21 दिसंबर को होगी।