नई दिल्ली। इस समय दिल्ली हाईकोर्ट नें ई-कॉमर्स साइट अमेज़न में बिकने वाले एक पाकिस्तानी प्रोडक्ट पर रोक लगा दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह रोक हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (इंडिया) की शिकायत के बाद लगा दी है। ऐसा नहीं है कि, हर पाकिस्तानी प्रोडक्टस पर रोक लगा दी गई है, लेकिन इस प्रोडक्ट को […]
नई दिल्ली। इस समय दिल्ली हाईकोर्ट नें ई-कॉमर्स साइट अमेज़न में बिकने वाले एक पाकिस्तानी प्रोडक्ट पर रोक लगा दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह रोक हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (इंडिया) की शिकायत के बाद लगा दी है। ऐसा नहीं है कि, हर पाकिस्तानी प्रोडक्टस पर रोक लगा दी गई है, लेकिन इस प्रोडक्ट को लेकर कुछ उल्लंघनों के चलते दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है।
भारत में सबसे अधिक बिकने वाला शरबत रूह अफ़ज़ा दरअसल पाकिस्तान में भी बिकता है, लेकिन यह भारतीय रूह अफ़ज़ा नहीं बल्कि पाकिस्तान में बनने वाला रूह अफ़ज़ा है। ई- कॉमर्स साइट अमेज़न के ज़रिए यह पाकिस्तानी रूह अफ़ज़ा भारत मे भी धड़ल्ले से बिक रहा था।
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन ने ट्रेडमार्क को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में याचिक दायर की थी, इस याचिका को लेकर जस्टिस प्रतिभा सिंह ने पाकिस्तान में बने रूह अफज़ा की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही यह भी कहा है कि,इस ट्रेडमार्क से सम्बन्धित किसी भी प्रोडक्ट को लेकर मामला सामने आया तो इसे अमेज़न इंडिया के संज्ञान मे लाया जाएगा। पाकिस्तान में निर्मित यह रूह अफ़ज़ा गोल्डन लीफ नाम की कम्पनी ट्रेड मार्क तहत बेच रही है,जिसको लेकर हमदर्द नेशनल फाउंडेशन ने आपत्ति दर्ज करवाई थी।
लगभग एक शताब्दी पहले यूनानी हकीम अब्दुल मजीद ने हमदर्द दवाखाना की शुरुआत दिल्ली में की थी। रूह अफ़ज़ा इसी ब्रांड का शरबत है। पाकिस्तान और भारत के बीच हुए बंटवारे के बाद हमदर्द का भी बंटवारा हुआ, अब्दुल मजीद के छोटे बेटे ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया जबकि बड़े बेटे ने भारत में ही रहकर अपना कारोबार चलाने का निर्णय लिया था।
भारत मे हमदर्द का नाम हमदर्द नेशनल फाउंडेशन एवं पाकिस्तान में हमदर्द लेबोरेटरी वक्फ के नाम से मशहूर हुआ। हम आपको बता दें कि, पाकिस्तान में बनने वाला यह रूह अफज़ा नकली नहीं है बल्कि एक ही ब्रांड की दो अलग कम्पनियां हैं जो कि, बंटवारे के बाद अलग हुई थीं, दोनों का ट्रेड मार्क एक ही होने की वजह से हमदर्द इंडिया को आपत्ति हुई थी।