नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के नगर निगम में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ, इस दौरान स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को दोबारा कराने का मुद्दा उठा। इसके बाद यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा। इस बीच मामले पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने स्टैंडिग कमेटी के दोबारा चुनाव पर रोक लगा दी। इसके साथ […]
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के नगर निगम में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ, इस दौरान स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को दोबारा कराने का मुद्दा उठा। इसके बाद यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा। इस बीच मामले पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने स्टैंडिग कमेटी के दोबारा चुनाव पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने एलजी, मेयर और एमसीडी को नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि भाजपा के पार्षदों इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट निर्देश दिया कि मेयर शैली ओबरॉय बैलेट पेपर, सीसीटीवी फुटेज और उपलब्ध किसी भी अन्य जानकारी को सुरक्षित रखें। इसके साथ ही कोर्ट ने मेयर को नोटिस का जवाब देने के लिए कहा। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।
बता दें कि, इससे पहले दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए भाजपा की पार्षद शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। गौरतलब है कि स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के दौरान मेयर शैली ओबरॉय ने एक वोट को अवैध घोषित कर दिया था। मेयर के इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने भारी विरोध किया था।
गौरतलब है कि, बीते दिनों सदन में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच हुई मारपीट के बाद स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को टाल दिया गया था। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही को 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। 27 फरवरी को ही फिर से स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव करवाने की बात हुई, लेकिन भाजपा ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और वो हाई कोर्ट पहुंच गई। बीजेपी ने तो यहां तक मांग की कि इस बवाल की सीबीआई जांच होना जरूरी है।
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