नई दिल्ली: देशभर में बच्चों के भीख मांगने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं आंकड़ों के अनुसार देशभर में लगभग 3 करोड़ से भी ज्यादा बच्चें है जो भीख मांगते है. इतना ही नहीं वर्तमान में भीख मांगना एक व्यापार भी बन चुका है. इसके चलते कई लोग बच्चों से ज़बरदस्ती भीख मंगवाते […]
नई दिल्ली: देशभर में बच्चों के भीख मांगने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं आंकड़ों के अनुसार देशभर में लगभग 3 करोड़ से भी ज्यादा बच्चें है जो भीख मांगते है. इतना ही नहीं वर्तमान में भीख मांगना एक व्यापार भी बन चुका है. इसके चलते कई लोग बच्चों से ज़बरदस्ती भीख मंगवाते है. वहीं मंगलवार दिल्ली हाई कोर्ट ने बच्चों के भीख मांगने पर बड़ा संज्ञान लिया हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अधिकारियों से कहा है कि भारत की राजधानी में बच्चों द्वारा भीख मांगने की घटनाओं से निपटने के लिए अधिकारी चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 का जतना हो सके प्रचार करें। बच्चों के भीख मांगने के विरुद्ध एक जनहित याचिका पर विचार कर रही एक्टिंग चीफ जस्टिस तुषार राव गेडेला और मनमोहन जस्टिस वाली बेंच को दिल्ली सरकार ने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाने की घटना को कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दे सकता है. इस पर सिस्टम जमकर काम कर रहा है और ऐसी घटनाओं को लगातार कम करने के लिए यह हेल्पलाइन नंबर दिया गया है.
सरकार ने बताया कि इस सिस्टम के तहत बच्चे को मार्गदर्शन दिया जाएगा और उन्हें चाइल्ड केयर होम में भेजा जाएगा। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद अधिकारियों से जनहित याचिका पर आठ हफ्तों बाद हलफनामा दाखिल करने को कहा है. आठ हफ्तों बाद यह देखा जायेगा की इसका अनुपालन सुचारु रूप से किया जा रहा है या नहीं। वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने यह पक्ष रखा कि बच्चों के भीख मांगने की घटनाओं पर सरकार की तरफ से एक प्रणाली है. इसमें कार्रवाई के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा और बच्चों की पहचान करने जैसे कदम लगातार उठाएं जा रहे है.