दिल्ली सरकार Vs उपराज्यपाल मामला: केंद्र ने कहा- भारत की राजधानी पर केंद्र का पूरा अधिकार

दिल्ली सरकार को जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि उनके पास दिल्ली के संपूर्ण अधिकार सुरक्षित हैं. केजरीवाल सरकार ही दिल्ली है, ये कहना गलत होगा. इसका फैसला सिर्फ केंद्र सरकार ही ले सकती है. केंद्र सरकार ने कहा कि अगर 26 जनवरी को होने वाली परेड की जगह दिल्ली सरकार बदलने की बात करने लगे, तो कैसी स्थिति होगी?

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दिल्ली सरकार Vs उपराज्यपाल मामला: केंद्र ने कहा- भारत की राजधानी पर केंद्र का पूरा अधिकार

Aanchal Pandey

  • November 22, 2017 4:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में अब केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि दिल्ली भारत की राजधानी है और इसपर पूरे देश का अधिकार है. केंद्र सरकार के पास दिल्ली के संपूर्ण अधिकार सुरक्षित हैं. केजरीवाल सरकार ही दिल्ली है, ये कहना गलत होगा. इसका फैसला सिर्फ केंद्र सरकार ही ले सकती है.

केंद्र सरकार ने कहा कि उदाहरण के लिए अगर दिल्ली सरकार किसी पद पर केवल बिहार के लोगों को ही भर्ती करने का फरमान सुनाए तो स्थिति कैसी होगी? इससे अव्यवस्था पैदा हो जाएगी. केंद्र सरकार ने आगे कहा कि अगर 26 जनवरी को होने वाली परेड की जगह दिल्ली सरकार बदलने की बात करने लगे, तो कैसी स्थिति होगी?

केंद्र ने आगे कहा, दिल्ली में जितनी भी सेवाएं हैं, वो केंद्र के अधीन हैं. केंद्र के पास इससे संबंधित ट्रांसफर, पोस्टिंग का अधिकार है और यह पूरी तरह से केंद्र के अधीन है. उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं. मंत्रिपरिषद कोई भी विधायी फैसला लेने से पहले उपराज्यपाल को सूचित करेंगे और मंजूरी के बाद फैसला लेंगे और फैसले के बाद फिर उन्हें केंद्र सरकार को बताएंगे.

दिल्ली में चुनी हुई सरकार सभी मुद्दों पर उपराज्यपाल से विचार-विमर्श कर सकती है. केंद्र सरकार अगर दिल्ली में प्रशासन पर नियंत्रण रखती है तो यह बिल्कुल भी अलोकतांत्रिक नहीं होगा. बता दें कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की जंग पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) अनिल बैजल संविधान और लोकतंत्र का मजाक बना रहे हैं. एलजी दिल्ली में असंवैधानिक तरीके से काम कर रहे हैं.

दिल्ली सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कानून के मुताबिक, एलजी के पास कोई शक्ति नहीं है. सारे अधिकार या तो मंत्रिमंडल के पास हैं या फिर राष्ट्रपति के पास. अगर किसी से राष्ट्रपति सहमत होते हैं तो ये राष्ट्रपति की राय होगी न कि एलजी की. दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलजी फाइलों को राष्ट्रपति के पास न भेजकर खुद ही फैसले ले रहे हैं. एलजी कहते हैं कि वह ही दिल्ली के फैसले लेंगे.

 

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