नई दिल्ली: इस समय दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हैं जहां राजधानी का एक चौथाई बाढ़ में डूबा हुआ है. इस समय दिल्ली में कुदरती कहर की वजह से हजारों लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.इस समय दिल्ली में 18 से अधिक NDRF की टीमें काम कर रही हैं. एक सवाल […]
नई दिल्ली: इस समय दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हैं जहां राजधानी का एक चौथाई बाढ़ में डूबा हुआ है. इस समय दिल्ली में कुदरती कहर की वजह से हजारों लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.इस समय दिल्ली में 18 से अधिक NDRF की टीमें काम कर रही हैं. एक सवाल ये भी उठ रहा है कि दिल्ली में इस तरह के हालत हथिनीकुंड की वजह से बने हैं या इसके पीछे का कारण कुछ और है?
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से अब तक दिल्ली में लाखो क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. इस पानी ने दिल्लीवासियों की समस्या बढ़ा दी है जो दिल्ली में आई बाढ़ में बहुत हद तक जिम्मेदार भी है. लेकिन केवल हथिनीकुंड बैराज ही दिल्ली की बाढ़ के लिए जिम्मेदार नहीं है इसके अलावा भी चार ऐसी समस्याएं हैं जिनपर ध्यान देने की आवश्यकता है.
विशेषज्ञों की मानें तो राजधानी में बाढ़ संकट के मुख्य कारण बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण है जिससे बाढ़ के मैदान पर ठोस कचरा इकट्ठा हो जाता है. ये कचरा प्राकृतिक प्रवाह को बाधित करता है. जिस कारण शहरी इलाके भी प्रभावित होते हैं. अतिक्रमण के कारण ही हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में कम समय लगता है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले नदियों में बाढ़ के मैदान 5 से 10 किमी चौड़े होते थे, जिसमें पानी दूर तक फैल जाता था.
दूसरा बड़ा कारण है मुख्य वजह जंगल, ग्रासलैंड और वेटलैंड की कमी होना. रिपोर्ट्स की मानें तो पहले ग्रासलैंड और वेटलैंड अधिक होते थे जो पाने को रोकते थे. CMIDE के निदेशक सीआर बीबू के अनुसार वेटलैंड कम होने की वजह से अब ऊपरी इलाकों में पानी को रोकने की क्षमता कम हो गई है. अब निचले इलाकों में पाने तेजी से फैलने लगा है. फ्लाईओवर, बस स्टॉप और कबाड़खाने की वजह से ये समस्या और गहरा गई है.
गौरतलब है कि यमुना में बाढ़ की एक और बड़ी वजह पुलों का निर्माण है. SANDRP के भीम सिंह रावत के अनुसार दिल्ली में यमुना के 22 किमी के विस्तार में 25 पुल मौजूद हैं जो यह वजीरबाज बैराज से ओखला बैराज तक फैले हुए हैं. पुल के निर्माण के समय इन नदियों को रोका भी जाता है.
दिल्ली में आने वाली बाढ़ की एक और बड़ी वजह मेंटेनेंस की कमी है. हाल ही में पांच राज्यों को पानी सप्लाई करने वाला हथिनीकुंड बैराज के सुरक्षित ना होने की खबर सामने आई थी. इसका रिवर बेड नीचे की ओर जा रहा है जिसे लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी हरियाणा सरकार के मेंटेनेंस पर सवाल खड़े किए थे.