नई दिल्ली: देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नीत उच्च-स्तरीय समिति की प्रारंभिक बैठक आज होगी, जिसमें इसके ‘रोडमैप’ और हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के दिशा में तौर-तरीकों पर चर्चा होगी। हाल ही में कोविंद ने ओडिशा में संवाददाताओं से कहा था कि बैठक 23 सितंबर को होगी। […]
नई दिल्ली: देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नीत उच्च-स्तरीय समिति की प्रारंभिक बैठक आज होगी, जिसमें इसके ‘रोडमैप’ और हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के दिशा में तौर-तरीकों पर चर्चा होगी। हाल ही में कोविंद ने ओडिशा में संवाददाताओं से कहा था कि बैठक 23 सितंबर को होगी।
सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर सिफारिश करने के लिए 2 सितंबर को 8 सदस्यीय ‘‘उच्च-स्तरीय समिति” अधिसूचित की गठन की थी. अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक प्रारंभिक रूप से होगी और सदस्य समिति को दी गई शक्ति के संबंध में आगे बढ़ने के तौर-तरीकों पर विशेष रूप से चर्चा होंगे। उन्होंने बताया कि इस बारे में भी समिति चर्चा करेगी कि हितधारकों के साथ विचार-विमर्श और दस्तावेज तैयार करने का तौर-तरीका क्या होना चाहिए। सीमित के सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन. के. सिंह और राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद शामिल हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल में गृह मंत्री शाह को लिखे एक पत्र में समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. चौधरी ने पत्र में कहा कि उस समिति में काम करने से इनकार करने में मुझे कोई झिझक नहीं है जिसका कार्यक्षेत्र उसके निष्कर्षों की गारंटी प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है. यह पूरी तरह से छलावा है।
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