September 16, 2024
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सर्दियों में दिल्ली पर फिर मंडरा रहा प्रदूषण का खतरा, केजरीवाल सरकार कर सकती है वर्क फ्रॉम होम का फैसला

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 6, 2024, 8:12 am IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सर्दियों का मौसम एक बार फिर चुनौती लेकर आ रहा है। जहाँ एक तरफ हाड़ कंपाने वाली ठंड लोगों को परेशान करती है, वहीं दूसरी तरफ हवा में घुलता ज़हरीला धुंआ यानी प्रदूषण दिल्लीवालों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन जाता है। इस बार मौसम विज्ञानियों ने भविष्यवाणी की है कि ला-नीना के सक्रिय होने के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में जबरदस्त ठंड पड़ेगी। इसके साथ ही, सर्दियों के आते ही वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ने की पूरी आशंका है।

केजरीवाल सरकार की तैयारी

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पहले ही प्रदूषण से निपटने के लिए कमर कस ली है। दिल्ली के पर्यावरण विभाग ने इस बार विंटर एक्शन प्लान तैयार करने के लिए 35 विभागों से रिपोर्ट मांगी है। इन विभागों को 12 सितंबर 2024 तक अपने प्लान सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है।

विंटर एक्शन प्लान: क्या होगा खास?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस बार के विंटर एक्शन प्लान को लेकर सख्त आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार का प्लान 21 फोकस पॉइंट्स पर आधारित होगा। आइए जानते हैं इस प्लान की कुछ अहम बातें:

1. ड्रोन से होगी हॉट स्पॉट की निगरानी
दिल्ली के प्रदूषण वाले हॉट स्पॉट्स की मॉनिटरिंग इस बार ड्रोन से की जाएगी। इससे प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी।

2. आर्टिफिशियल रेन का प्लान
पर्यावरण विभाग को आर्टिफिशियल रेन (कृत्रिम बारिश) कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

3. वर्क फ्रॉम होम पर विचार
अगर प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर होती है, तो दिल्ली सरकार वर्क फ्रॉम होम सिस्टम लागू करने पर भी विचार कर सकती है। इससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम होगी और प्रदूषण में कमी आ सकेगी।

4. ऑड-ईवन फॉर्मूला फिर से लागू हो सकता है
वाहनों के प्रदूषण से निपटने के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला फिर से लागू किया जा सकता है। इसके लिए पर्यावरण और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस फॉर्मूले के तहत वैकल्पिक दिनों पर ही वाहन सड़कों पर चल सकेंगे।

5. विशेष टास्क फोर्स का गठन
प्रदूषण से निपटने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगी।

6. धूल प्रदूषण पर नियंत्रण
धूल प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए पूरी दिल्ली में मोबाइल एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाएगा।

7. ग्रीन एप का इस्तेमाल
ग्रीन एप को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके माध्यम से आम लोग भी प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्ट कर सकते हैं।

12 सितंबर तक तैयार होंगे एक्शन प्लान

दिल्ली के 35 विभागों को 12 सितंबर तक अपने विंटर एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद इन प्लान्स पर विचार-विमर्श कर सरकार इन्हें लागू करेगी। ऑड-ईवन फॉर्मूला, वर्क फ्रॉम होम और अन्य उपायों के माध्यम से सरकार इस बार प्रदूषण से निपटने की पूरी तैयारी में है। सर्दियों के मौसम में दिल्ली का प्रदूषण एक बार फिर बड़ा मुद्दा बनने वाला है। अब देखना होगा कि केजरीवाल सरकार के ये कदम दिल्लीवासियों को इस समस्या से कितनी राहत दिला पाते हैं।

 

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