नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में विश्व प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर में महापर्व की रौनक देखी गई. यहाँ विश्व शांति के लिए 111 यज्ञकुंडों पर करीब 1400 यजमान विराजमान थे. इसके साथ भरी तादात में श्रृद्धालु भक्त देखने को मिले। साल 2005 में बना यह अक्षरधाम मंदिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में विश्व में सबसे […]
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में विश्व प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर में महापर्व की रौनक देखी गई. यहाँ विश्व शांति के लिए 111 यज्ञकुंडों पर करीब 1400 यजमान विराजमान थे. इसके साथ भरी तादात में श्रृद्धालु भक्त देखने को मिले।
साल 2005 में बना यह अक्षरधाम मंदिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में विश्व में सबसे व्यापक हिंदू मंदिर माना जाता है. यह मंदिर अपने आध्यात्मिक वैभव के साथ यह स्थान अपनी वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला, भारतीय संस्कृति, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण तथा रंगारंग जलतरंग के प्रदर्शन के लिए विश्व प्रसिद्ध है.
अक्षरधाम मंदिर के आध्यात्मिक कार्यक्रमों की श्रंखला मंगलवार को मंदिर परिसर में विश्व शांति के लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया. मंदिर के संत भक्तवत्सल स्वामी ने बताया कि उपनिषदों की मान्यता अनुसार, यह यज्ञ एक विशिष्ट भक्तिमय प्रक्रिया है, जो समर्पण, सहयोग का प्रतीक है. यज्ञ की अग्नि में जिन वस्तुओं की मन्त्रों के साथ आहुति दी जाती है वह अन्य देवताओं तक अवश्य पहुँचती है.
111 यज्ञकुंडों से किया आह्वान
विजयदशमी पर इस महायज्ञ में महापर्व की रौनक देखने को मिली। सभी श्रृद्धालु सुबह 5 बजे ही मंदिर परिसर में बने यज्ञ स्थल पर पहुँच गए थे. 1400 धर्मप्रेमियों को 111 यज्ञकुंडों को स्वस्तिक आकर में पिरोया गया. भारत की परम्पराओं की श्रेष्ठता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को उजागर करता यह महायज्ञ, सम्पूर्ण विश्वशांति की प्रार्थना के साथ संपन्न हुआ.