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नई दिल्लीः यह मामला दिल्ली(Delhi Crime) के आदर्श नगर थाने का है, जहां की पुलिस द्वारा एक मासूम पनीर कारोबारी की बेरहमी से पिटाई के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया। वहीं दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे कि मृतक के परिजनों को क्या जवाब दें। बता दें कि युवक […]

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  • November 28, 2023 5:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः यह मामला दिल्ली(Delhi Crime) के आदर्श नगर थाने का है, जहां की पुलिस द्वारा एक मासूम पनीर कारोबारी की बेरहमी से पिटाई के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया। वहीं दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे कि मृतक के परिजनों को क्या जवाब दें। बता दें कि युवक की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने पुलिसकर्मियीं द्वारा की जा रही बदसलुखी का वीडियो बनाया था। युवक के मौत के बाद, परिजनों और जानकारों ने थाने का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। इसी दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

वीडियो बनाने की वजह से चिढ़े थे पुलिसकर्मी

यह मामला तकरीबन रविवार देर रात का है। जब पीड़ित सूरज प्रकाश पवार अपने दोस्त और बिजनेस पार्टनर साकेत के साथ देर रात आजादपुर मंडी से पनीर की गाड़ी को अनलोड करवाकर अपनी गाड़ी से वापस लौट रहे थे। उसी समय आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन के पास कुछ लोगों के बीच झगड़ा होता देख सूरज और उसके दोस्त वहां रुके गए साथ ही बीच-बचाव की कोशिश करने लगे। तभी वहां पेट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मी पहुंचे और सूरज को धक्का देकर हटाने लगे। इस पर सूरज ने कहा कि वह तो झगड़े को शांत करने की कोशिश कर रहा है लेकिन पुलिसकर्मियों(Delhi Crime) ने उनकी बात नहीं सुनी और डंडों से उनकी पिटाई कर दी।

जिस पर सूरज ने पुलिसकर्मियों की वीडियो बनानी शुरू कर दी। इससे नाराज हुए पुलिसकर्मियों ने ईआरवी बुला ली और फिर से उसे पीटते हुए थाने लेकर चले गए।

हालत बिगड़ने पर भी दिखाई दरिंदगी

जानकारी के मुताबिक हालत बिगड़ने पर पुलिस वाले उसे बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले गए, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे भर्ती नहीं किया और बड़े अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इस पर पुलिसकर्मी अमानवीयता दिखाते हुए युवक को किसी अस्पताल में ले जाने के बजाय वापस थाने ले आये। जहां उसकी हालात और बिगड़ने लगी। इस दौरान पुलिसकर्मी युवको फिर से बीजेआरएम अस्पताल ले कर गए, जहां डॉक्टरों ने सूरज को मृत घोषित कर दिया। पुलिसकर्मियों ने एक बार भी सूरज के घर वालो को सम्पर्क कर उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। सूरज के दोस्त साकेत से मिली जानकारी के बाद सूरज के परिजन थाने पहुंचे, लेकिन वहां कोई भी उन्हें कुछ भी बताने को तैयार नहीं था।

जब उन्हें सूरज की मौत की खबर लगी तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। सूरज की मौत से आक्रोशित स्थानीय निवासियों ने एसएचओ समेत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोगों ने कार्रवाई की मांग की।

देखा जा रहा था सूरज का रिश्ता

वहीं सूरज की मौत की वजह से सदमें में आये उसके घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक साल पहले यूपी की प्रशासनिक सेवा में सेल्स टैक्स ऑफिसर से सेवानिवृत्त हुए सूरज के पिता तो उसकी मौत की खबर सुनते ही बेहोश हो गए और होश में आने के बाद से तो लगातार रोये ही जा रहे हैं। सूरज के बड़े भाई दीप प्रकाश पवार ने बताया कि सूरज की रिश्ते की बात चल रही थी और घर वाले जल्दी ही उसकी शादी की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस की दरिंदगी की वजह से उनके भाई सूरज की मौत हो गई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई

हालांकी अब इस मामले में डीसीपी जितेंद कुमार मीणा ने न्यायिक जांच की बात बताते हुए कहा कि बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया है। जानकारी के मुताबीक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच में कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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