नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सरकारी बंगला खाली करने के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है। राज्यसभा सचिवालय के वकील ने अदालत में दलील देते हुए कहा था कि […]
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सरकारी बंगला खाली करने के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है। राज्यसभा सचिवालय के वकील ने अदालत में दलील देते हुए कहा था कि राज्यसभा सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को चड्ढा को टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार है, न कि टाइप 7 बंगला। बता दें कि राज्यसभा सचिवालय के नोटिस के खिलाफ राघव चड्ढा कोर्ट पहुंच गए थे।
इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के मामले में लगाई अंतिम रोक को खत्म दिया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को बंगला खाली करने आदेश दे दिया है। साथ ही अदालत ने राज्यसभा सचिवालय के बंगला खाली करने के नोटिस को सही करार दिया है।
अदालत का कहना है कि राघव चड्ढा का आवंटन 3 मार्च 2023 को रद्द कर दिया गया था। राघव ये नहीं कह सकते कि उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी आवास पर कब्जा जारी रखने का अधिकार है। सरकारी आवास का आवंटन केवल उन्हें दिया गया जिन्हें विशेषाधिकार है।
वहीं पिछले साल पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को टाइप-6 बंगला आवंटित किया गया था। पिछले साल ही राघव चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को टाइप-7 बंगला के आवंटन का अनुरोध करते हुए एक आवेदन सौंपा था।
जानकारी दें दू कि राज्यसभा सचिवालय ने राघव चड्ढा को नई दिल्ली में टाइप-7 बंगला आवंटित किया था। जो आमतौर पर उन सांसदों के लिए होता है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री रहे होते हैं। लिहाजा इस साल मार्च में उन्हें जानकारी दिया गया था कि आवंटन रद्द कर दिया गया है। क्योंकि टाइप-7 बंगला उनकी योग्यता के अनुसार नहीं था।
राघव चड्ढा इसके खिलाफ मुकदमा दायर किया और इस फैसले को रद्द करने के खिलाफ रोक लगाने की मांग की। राघव चड्ढा ने कहा कि आवंटन मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया था और यह बात उन्हें तीन मार्च 2023 के पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई थी। इसके बाद कोर्ट ने 18 अप्रैल को राज्यसभा सचिवालय के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें इसने चड्ढा को अपने टाइप- 7 आवास को खाली करने को कहा था। उस आदेश को राज्यसभा सचिवालय ने चुनौती दी थी।