PM मोदी डॉक्यूमेंट्री पर दिल्ली कोर्ट ने BBC को जारी किया समन

नई दिल्ली: बीबीसी यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर डॉक्यूमेंट्री बनाई है तब से भारत में उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब इस मामले में BBC को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने समन जारी किया है. बीबीसी के अलावा इस मामले में कोर्ट ने विकिपीडिया और इंटरनेट आर्काइव को […]

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PM मोदी डॉक्यूमेंट्री पर दिल्ली कोर्ट ने  BBC को जारी किया समन

Riya Kumari

  • May 3, 2023 7:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: बीबीसी यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर डॉक्यूमेंट्री बनाई है तब से भारत में उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब इस मामले में BBC को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने समन जारी किया है. बीबीसी के अलावा इस मामले में कोर्ट ने विकिपीडिया और इंटरनेट आर्काइव को भी समन जारी किया है. मानहानि मामले में ये समन जारी किया गया है. बता दें, भाजपा नेता विनय कुमार ने इस मामले में याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई करते हुए दिल्ली कोर्ट ने समन जारी किया है.

विकीपीडिया और इंटरनेट आर्काइव पर है फिल्म

अब इस मामले में रोहिणी कोर्ट 11 मई को अगली सुनवाई करेगी. याचिका में विनय कुमार सिंह ने कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) की छवि को नुकसान हुआ है एवं दोनों संगठनों की मानहानि हुई है. आरएसए और वीएचपी को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बदनाम किया गया है. बता दें इस डॉक्यूमेंट्री का नाम ‘इंडिया- द मोदी क्वेश्चन’ है जिसपर भारतीय सरकार ने पहले ही रोक लगा दी थी. बीबीसी ने 2 भागों में इस फिल्म को रिलीज़ किया था. RSS और VHP के एक्टिव वॉलेंटियर विनय कुमार सिंह ने इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ जो याचिका दायर की थी उसमें कहा गया था कि फिल्म पर रोक लगाए जाने के बाद ये अभी भी विकीपीडिया और इंटरनेट आर्काइव पर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है.अब कोर्ट इस मामले में 11 मई को सगली सुनवाई करेगी.

BBC अध्यक्ष में दिया इस्तीफ़ा

बोरिस जॉनसन को दिए गए ऋण मामले में बीबीसी के अध्यक्ष रिचर्ड शार्प ने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की है. नियमों का उल्लंघन करने की रिपोर्ट सामने आने के बाद बीबीसी के चेयरमैन शार्प ने ये इस्तीफा दिया है. गौरतलब है कि एक स्वतंत्र रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बीबीसी के चेयरमैन शार्प ने तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए ऋण संबंधी सार्वजनिक नियुक्तियों के नियमों का उल्लंघन किया था।

उधर, शार्प का कहना है कि वह जून के अंत तक पद पर बने रहेंगे. उनसे ऐसा करने के लिए अनुरोध किया गया था जिसपर वह सहमत हो गए हैं ताकि उस समय तक सरकार को उनके उत्तराधिकारी को खोजने के लिए समय मिल सके. इस दौरान देश की सार्वजनिक नियुक्ति निगरानी संस्था द्वारा इस मामले में जांच भी की जा रही है कि 2021 में प्रसारक की अध्यक्षता के लिए सरकार ने शार्प का चयन किस आधार पर किया था? जहां जाँच रिपोर्ट में पाया गया कि उन्होंने सार्वजनिक नियुक्तियों के लिए संभावित हितों के टकराव का खुलासा करने में विफल रहकर सरकार की संहिता का उल्लंघन किया गया।

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