Delhi Corona Hospital Loot: दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में कोरोना के इलाज के नाम पर लूट, भर्ती होने से पहले देने होंगे चार लाख

Delhi Corona Hospital Loot: कोरोना के मरीजों के लिए 20 फीसदी बेड खाली रखने के दिल्ली सरकार के आदेश के बाद प्राइवेट अस्पताल ने सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है अगर आप कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं तो कम से कम आपका बिल 3 लाख रूपये का होगा. यही नहीं, सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि आपको भर्ती होने से पहले चार लाख रूपये जमा करने होंगे.

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Delhi Corona Hospital Loot: दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में कोरोना के इलाज के नाम पर लूट, भर्ती होने से पहले देने होंगे चार लाख

Aanchal Pandey

  • June 8, 2020 5:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली: कोरोना के चलते पिछले तीन महीने से जारी देशव्यापी लॉकडाउन को अब सरकार चरणबद्ध तरीके से खोल रही है. आज से धार्मिक स्थल, मॉल, रेस्टोरेंट आदि सब खुल गए. एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए बॉर्डर खुल गए लेकिन जिस वजह से लॉकडाउन लगाया गया था क्या उसका उद्देश्य पूरा हुआ? पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9983 नए मामले सामने आए हैं लेकिन उसमें भी पेंच है.

जो नतीजे आए हैं वो पिछले 24 घंटों में हुए 1,08,048 टेस्ट का नतीजा है. यानी शनिवार सुबह 9 बजे से रविवार सुबह 9 बजे तक कुल 1,42,069 टेस्ट हुए जिनमें 9971 सैंपल कोरोना पॉजीटिव निकले. इसका मतलब ये हुआ कि पिछले 24 घंटों में करीब 34 हजार टेस्ट कम हुए जिनमें 9983 मामले सामने आए. अब जरा अंदाजा लगाइए कि टेस्ट अगर ज्यादा होंगे तो क्या आंकड़ा होगा?

अब बात करते हैं कोरोना से लड़ने के लिए सरकार की तैयारियों पर तो सरकार का दावा है कि कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त तैयारी है लेकिन जो तस्वीरें सामने आ रही है वो कुछ और ही कहानी बयां करती है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि उनके अस्पतालों में दिल्लीवालों का ही इलाज होगा और जो केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल हैं वहां सबका इलाज होगा.

दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना के मरीजों का इलाज करने से आना कानी करने पर जमकर फटकार लगाई थी. हालांकि सीएम केजरीवाल के बयान के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन खड़ा हो गया था और उसने आप सरकार के इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए बयान जारी किया था.

राजनीति अपनी जगह और मुद्दा अपनी जगह, प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना को जिस तरह पैसा छापने का जरिया बना लिया है उसके खिलाफ एक सुर में आवाज उठनी चाहिए. सोशल मीडिया पर दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल का सर्कुलर वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है दिल्ली सरकार के कहने पर हम अपने अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाने जा रहे हैं लेकिन आप भर्ती होते हैं तो आपका कम से कम बिल 3 लाख रूपये का होगा. इसके अलावा एडमिट होने से पहले आपको चार लाख रूपये दो बेड/ तीन बेड वाले कमरे के लिए, 5 लाख रूपये सिंगल रूम के लिए और आठ लाख रूपये आइसीयू के लिए एडवांस में जमा करने होंगे.

यहां बात किसी एक अस्पताल की नहीं है, ऐसे कई अस्पतालों की है जिसने कोरोना जैसी महामारी को नोट छापने का जरिया बना लिया है. ऐसे कई अस्पताल हैं जो इलाज के नाम पर लोगों से लाखों रूपये ऐठ रहे हैं. गाहे बगाहे ऐसे कई मामले सोशल मीडिया पर देखने और पढ़ने को मिल जाते हैं. 

आपको फिर याद दिला दें कि कोरोना की दवाई अबतक नहीं आई है लेकिन अगर आपको फिर भी अस्पताल में भर्ती होकर देखभाल करवानी है तो कम से कम चार लाख रूपये जेब में होने चाहिए. अगर नहीं है तो आप गुमनामी की मौत मरिए, आपके घरवालों और शुभचिंतकों को छोड़कर किसी को नहीं पड़ी. रही सरकार की बात तो सरकार के पास अब संसाधन ही नहीं है कि कोरोना के इतने मामलों से कैसे निपटा जाए. इसलिए बेहतर है कि आप खुद का ख्याल रखें क्योंकि बचाव में ही इलाज है और बाकी सब भगवान भरोसे है.

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