नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. पिछले कई दिनों से राजधानी में लगातार रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अब एक बार फिर राजधानी में कोरोना के 24 घंटे में 632 मामले सामने आ गए हैं. बीते दिन राजधानी में कोरोना के 501 मामले […]
नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. पिछले कई दिनों से राजधानी में लगातार रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अब एक बार फिर राजधानी में कोरोना के 24 घंटे में 632 मामले सामने आ गए हैं. बीते दिन राजधानी में कोरोना के 501 मामले दर्ज हुए थे. इसके अलावा राजधानी में संक्रमण दर भी चिंताजनक है. पिछले दिनों में ही केसेज़ में तीन गुना तक की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. राहत सिर्फ इस बात की है कि आज कोरोना से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है और 414 लोग ठीक भी हुए हैं.
कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. ऐसे में, गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद में अब लोगों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चार जिलों के लिए नियमों का ऐलान करते हुए कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क घूमने वालों का चालान किया जाएगा. इसमें गुड़गांव और फरीदाबाद के अलावा झज्जर और सोनीपत जैसे जिले भी शामिल हैं.
वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि अगर कोई मास्क नहीं लगाता है तो उसका 500 रुपये तक का चालान किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में लखनऊ समेत सात शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है. इसी कड़ी में, राजधानी दिल्ली कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में, सरकार ने मास्क को अनिवार्य तो नहीं किया लेकिनसरकार ने जनता से मास्क लगाकर बाहर निकलने की अपील की है.
बता दे, बीते दिनों दिल्ली से सटे नोएडा में स्कूली छात्रों में सबसे तेज़ी से संक्रमण दर दर्ज़ किया गया. जहां कोरोना से प्रभावित बच्चों को देखते हुए कुछ समय के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया था. लेकिन अब सोमवार को सख्त प्रोटोकॉल के साथ फिरसे स्कूल खुलने जा रहे हैं. जहां जिलाधिकारी के निर्देश के बाद स्कूलों और कॉलेजों में हेल्थ कैंप लगाया जाएगा. जिसमें कोरोना संबंधित जांच की जाएगी. गौरतलब है कि भारी संख्या में स्कूली छात्रों के कोरोना संक्रमित होने के बाद भी किसी बच्चे को अस्पताल में दाखिल करने की नौबत नहीं आयी है.
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