Arvind Kejriwal on Supreme Court Verdict: उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जारी अधिकार की जंग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉफ्रेंस कर इस जजमेंट को संविधान और जनतंत्र के खिलाफ बताया है. केजरीवाल ने सावाल उठाते हुए पूछा कि जब 70 में 67 सीट जीतने वाली पार्टी के अधिकार ही नहीं होगा तो विकास काम कैसे होगा?
नई दिल्ली.Arvind Kejriwal on SC Verdict: दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच शक्ति विभाजन मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉफ्रेंस कर अपनी प्रतिक्रिया दी. अपने प्रेस कॉफ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह जजमेंट संविधान और जनतंत्र के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. यह दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय है. केजरीवाल ने आगे कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं. लेकिन हम अपने अफसरों का ट्रांसफर भी नहीं कर सकते तो सरकार कैसे चलेगी?
केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से जिस पार्टी को 67 सीटें मिली उसको अपने ऑफिसर को ट्रांसफर करने का राइट नहीं है. जबकि जिस पार्टी को केवल तीन सीटें मिली वो ट्रांसफर करेगा. ये कैसा जनतंत्र है? जिस सरकार को जनता ने भारी बहुमत से जिताया उसे काम करने भी न दिया जाए तो दिल्ली का विकास कैसे होगा?
Delhi CM Arvind Kejriwal on SC rules in favour of LG in 4 of 6 issues in Delhi vs LG matter: If a government can't even transfer its officers, how is it supposed to function? The party that has 67 seats doesn't have the rights but the party who won 3 seats has those rights pic.twitter.com/c4oogzOqeT
— ANI (@ANI) February 14, 2019
Delhi CM Arvind Kejriwal on opposition alliance: Hamare man mein desh ko leke bahut jyada chinta hai… Usi wajah se hum lalayit hain. Unhone (Congress) lagbhag mana kar diya hai pic.twitter.com/gWdpheyY4J
— ANI (@ANI) February 14, 2019
अपने बयान की व्याख्या करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के काम की चर्चा पूरी दुनिया में है. लेकिन यदि उनके एजुकेशन सेक्रेटरी को बदल कर ऐसे अधिकारी को भेज दिया जाए, जो उनकी सुने ही नहीं तो काम कैसे होगा? केजरीवाल ने आगे कहा कि 40 साल से एंटी करप्शन ब्यूरो दिल्ली सरकार के पास थी. लेकिन अब इसे केंद्र सरकार के अधिकार में दे दिया गया है. अब हमारे पास भ्रष्टाचार की कोई शिकायत आएगी तो हम उसपर क्या कारवाई कर सकेगे.
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