आबकारी नीति: नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आबकारी नीति को लेकर सियासी संग्राम थमने के नाम नहीं ले रहा है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी आप और विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार एक दूसरे पर वार-पलटवार जारी है। इसी बीच आज दिल्ली भाजपा […]
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आबकारी नीति को लेकर सियासी संग्राम थमने के नाम नहीं ले रहा है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी आप और विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार एक दूसरे पर वार-पलटवार जारी है। इसी बीच आज दिल्ली भाजपा के नेताओं ने शराब नीति को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ पैदल मार्च किया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
दिल्ली: भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली आबकारी नीति मामले को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ पद यात्रा निकाली। pic.twitter.com/hIQDRtnMfg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 27, 2022
बता दें कि इससे पहले बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि आम आदमी पार्टी का भ्रष्टाचार और कट्टर बेईमानी उजागर हो रही है। अब ये स्पष्ट हो गया है कि मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के पास किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं है। मनीष सिसोदिया कह रहे हैं कि एक संदेश आया है भाजपा का। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि जिनकी सोच इतनी छोटी है। उसे भला कोई क्यों तोड़ेगा।
वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल मॉडल का भांडा फूट चुका है। मोहल्ला क्लिनिक से मोहल्ला ठेका यह अरविंद केजरीवाल मॉडल है। मोहल्ला क्लिनिक में दवा नहीं मिली, मोहल्ला ठेका से घर-घर शराब पहुंचाने का काम हुआ है।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि देश में पहली बार हुआ कि जिसके पास शिक्षा विभाग है उसके पास शराब विभाग भी है। अरविंद केजरीवाल सत्येंद्र जैन को ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटते थे। वे तीन महिने से जेल में हैं। अरविंद केजरीवाल जी ने किताब तो स्वराज लिखी लेकिन यह शराब राज लेकर आए।
गौरतलब है कि रविवार को बीजेपी ने कहा कि आबकारी नीति का ये मुद्दा सिर्फ दिल्ली की जनता का ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता से भी जुड़ा हुआ है। पार्टी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि देश में अगर कोई भी सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी है तो वो अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी है। अगर शराब नीति ठीक थी तो उन्होंने इसे वापस क्यों लिया।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना