नई दिल्लीः झारखंड से निर्वाचित भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए हैं कि तृणमूल कांग्रेस की महिला सांसद महुआ मोइत्रा, संसद में सवाल पूछने के लिए घूस लेती हैं। साथ ही उन्होंने तृणंमूल सांसद के खिलाफ जांच समिति गठित करने और सदन से निष्काषित करने की मांग की है। इस मामले को लेकर निशिकांत […]
नई दिल्लीः झारखंड से निर्वाचित भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए हैं कि तृणमूल कांग्रेस की महिला सांसद महुआ मोइत्रा, संसद में सवाल पूछने के लिए घूस लेती हैं। साथ ही उन्होंने तृणंमूल सांसद के खिलाफ जांच समिति गठित करने और सदन से निष्काषित करने की मांग की है। इस मामले को लेकर निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिख संज्ञान लेने का आग्रह किया है। वहीं अपने ऊपर लगाए गए आरोप पर महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सांसद पर पलटवार किया है।
निशिकांत दुबे ने लगाया आरोप
निशिकांत ने आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है। उन्होंने लोकसभा स्पिकर को लिखे चिट्टी में जिक्र किया है कि जब भी संसद सत्र होता है, महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय के नेतृत्व में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की चिल्लाने वाली ब्रिगेड, किसी न किसी बहाने से हर किसी के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाता हैं।
उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा के द्वारा संसद में हालिया 61 सवालों में से 50 बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिए पूछे। उनके सवाल अक्सर एक अन्य व्यापारिक समूह- अदानी समूह पर भी केंद्रित रहे। दुबे का दावा है कि हीरानंदानी समूह अदाणी के खिलाफ व्यापारिक बोलियां लगा रहा था।
महुआ मोइत्रा ने किया पलटवार
निशिकांत के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो को अदाणी मामले में जांच के बाद फुर्सत मिले तो वे उनके पास जांच करने आ सकते हैं। तृणमूल सांसद महुआ ने कहा कि भाजपा के कई अन्य दिग्गजों के खिलाफ भी विशेषाधिकार उल्लंघन के कई मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि लोक सभा स्पीकर को उनकी शिकायतों पर भी कार्रवाई करना चाहिए
महुआ मोइत्रा के हालिया 61 सवालों में से 50 बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिए पूछे गए थे। उनके सवाल अक्सर एक अन्य व्यापारिक समूह- अदानी समूह पर भी केंद्रित रहा है। दुबे का दावा है कि हीरानंदानी समूह अदाणी के खिलाफ व्यापारिक बोलियां लगा रहा था।