उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर गांव में एक सील मकान का ताला तोड़ने के बाद मनोज तिवारी के खिलाफ मॉनिटरिंग कमिटी ने संज्ञान लिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था. सोमवार को तिवारी ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि वह सीलिंग अफसर बनने को तैयार हैं.
नई दिल्ली: सीलिंग मामले में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वे दिल्ली को बेहतर जगह बनाने के लिए सीलिंग अफसर बनने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि 4 साल में वह दिल्ली को कानूनी और रहने के लिए लिहाज से बेहतर जगह बनाना चाहते हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली के एक इलाके में सीलबंद मकान का ताला तोड़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी को अवमानना का नोटिस जारी कर पेशी का आदेश दिया था.
कोर्ट में दायर हलफनामे में तिवारी ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का विरोध और लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए सांकेतिक तौर पर उन्होंने सीलबंद मकान का ताला तोड़ा था. तिवारी ने बीजेपी शासित पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के भ्रष्ट बताते हुए कहा कि उन्होंने कोर्ट की अवमानना नहीं की, सिर्फ ईडीएमसी अफसरों द्वारा की जा रही अवैध सीलिंग का विरोध किया.
उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत काम कर रही मॉनिटरिंग कमिटी उन कमर्शियल जगहों को भी सील कर रही है, जिन्हें कानूनी तौर पर इजाजत मिली हुई है. तिवारी ने कहा कि मॉनिटरिंग कमिटी को एक लाख रुपये भुगतान किए जाने के बाद भी मॉनिटरिंग कमिटी अपने काम में योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग कमिटी जो फीस चार्ज कर रही है, वह भी तय प्रावधानों के तहत नहीं है. गौरतलब है कि तिवारी ने 16 सितंबर को उत्तर पूर्व दिल्ली के गोकुलपुर गांव में एक सील मकान का ताला तोड़ा था. इस घटना पर मॉनिटरिंग कमिटी ने नोटिस लिया और सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी कर उन्हें 25 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
RSS मोहन भागवत से मिलने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी भूले अपनी फिल्म मंटो का प्रीमियर