नई दिल्ली. दिवाली के अगले दिन यानी गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर देखा गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में 10 बजे के बाद पटाखे फोड़े गए. गुरुवार को कई इलाकों में एयर क्वॉलिटी बेहद खराब रही. आनंद विहार और मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के आसपास 999 और अमेरिकी एंबेसी व चाणक्य पुरी में एयर क्वॉलिटी 459 रही, जो जानलेवा स्तर पर आती है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स यानी AQI डेटा के मुताबिक लोधी रोड पर पीएम 2.5 और पीएम 10 500 के स्तर पर था, जो बेहद खतरनाक है. गुरुवार सुबह जब लोग उठे तो उन्हें आंखों में जलन महसूस हुई. कई लोग मास्क पहने नजर आए.
दिल्ली और एनसीआर में बुधवार की शाम यानी दिवाली से ठीक पहले वायु प्रदूषण औसत स्तर पर था. शाम 6 बजे दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे प्रदूषण कण की मात्रा 200 के नीचे था. प्रदूषण के बढ़ने का कारण सिर्फ पटाखे ही नहीं पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली भी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली समेत पूरे देश में पटाखे जलाने के लिए रात 8 बजे से 10 बजे तक का समय तय किया है और सरकारों को इस आदेश पर सख्ती से अमल में लाने का आदेश दिया था. 2017 में भी सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर दिल्ली में प्रतिबंध लगाया था लेकिन उसका असर बहुत दिखा नहीं. खराब हवा का असर बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती औरतों पर सबसे ज्यादा पड़ता है.
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