Delhi Air Pollution: दीवाली के मौके पर पटाखों, हरियाणा और पंजाब में धान की फसल काटने के बाद पराली जलाने के बाद निकलने वाले धुएं ने दिल्ली-एनसीआर वासियों का जीना दुश्वार कर दिया है. प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस लेने में लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. गले में खड़ास और आंखों में जलन हो रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत दिल के मरीज, सुगर के पेशेंट, दमा से ग्रसित और बुजुर्ग को हो रही हैं.
नई दिल्ली. Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दीवाली के मौके पर पटाखों, हरियाणा और पंजाब में धान की फसल काटने के बाद पराली जलाने के बाद निकलने वाले धुएं ने दिल्ली-एनसीआर वासियों का जीना दुश्वार कर दिया है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ज्यादा होने की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने के अलावा आखों में भी जलन हो रही है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) की मानें तो 1 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी एंडेक्स यानी कि हवा गुणवत्ता सूसचांक 412 दर्ज किया गया. वहीं 2 नवंबर और 3 नवंबर को भी एयर क्वालिटी एंडेक्स में इजाफा हुआ.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण कक्षा 1 से 12वीं तक की स्कूलें 5 नवंबर तक बंद कर दी गई है. अगर प्रदूषण में कमी आगे नहीं होता है तो ये छुट्टियां बढाई भी जा सकती है. हालांकि प्रशासन और जिम्मेदार विभाग प्रदूषण से निजात पाने की कोशिशों में जुटा हुआ है. प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस लेने में लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. गले में खड़ास और आंखों में जलन हो रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत दिल के मरीज, सुगर के पेशेंट, दमा से ग्रसित और बुजुर्ग को हो रही हैं.
इसके अलावा छोटे बच्चों को भी सांस लेने में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है. एक्सपर्ट्स की मानें तो सरकार छोटे बच्चों को सांस लेने में सबसे ज्यादा दिक्कत इसलिए हो रही हैं, क्योंकि उनकी बॉडी की क्षमता कम होती है. छोटे बच्चों और स्कूले बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए एक्सपर्ट्स ने कई तरह के सुझाव दिये हैं जिन्हें पैरेंट्स को जरूर जानना चाहिए-
स्टूडेंट्स प्रदूषण से बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो-