नई दिल्लीः उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से निकाले गए 41 श्रमिक बीते गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर बचाए गए एक मजदूर ने कहा कि शुरुआत में हम काफी डरे हुए थे। हमें 12 घंटे बाद सुरंग के अंदर खाना मिलना शुरू हुआ था। मैं अब ठीक हूं। मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता […]
नई दिल्लीः उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से निकाले गए 41 श्रमिक बीते गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर बचाए गए एक मजदूर ने कहा कि शुरुआत में हम काफी डरे हुए थे। हमें 12 घंटे बाद सुरंग के अंदर खाना मिलना शुरू हुआ था। मैं अब ठीक हूं। मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं। इस दौरान उन्होंने बताया कि टनल में फंस जाने के बाद जब तक उनके पास खाने को कुछ पहुंचा तो वो 12 घंटे उन्होंने किस तरह बिताए और जीवित रहने के लिए संघर्ष किया। बता दें, 17 दिन के लंबे संघर्ष के बाद हाल ही में दो दिन पहले मंगलवार को ही इन्हें सुरक्षित बहार निकाला गया है। इसके बाद से ये अस्पताल में डॉक्टर्स की देखरेख में थे और जांच भी की जा रही थी।
बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से निकाले गए सभी श्रमिकों की एम्स में सघन स्वास्थ्य जांच की गई। 41 श्रमिकों को एम्स प्रशासन ने क्लीयरेंस देकर डिस्चार्ज कर दिया है गुरुवार को एम्स ऋषिकेश के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत व अस्पताल प्रशासन से डॉ. नरेंद्र कुमार ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए सभी 41 श्रमिकों को बीते बुधवार को एम्स में भर्ती कराया गया था। प्रारंभिक जांच में किसी भी श्रमिक में चोट आदि जैसी कोई शिकायत नहीं पाई गई। इसके अलावा सभी श्रमिकों का सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल से निकाले गए सभी 41 मजदूर गुरुवार देर रात दिल्ली के एयरपोर्ट पहुंचकर देश के विभिन्न इलाकों में पड़ते अपने-अपने घर की राह पर निकले हैं। साथ ही उनके ब्लड, किडनी, ईसीजी, एबीजी, लीवर फंक्शन टेस्ट, एक्सरे, इकोकॉर्डियोग्राफी, एबीजी आदि टेस्ट किए गए। सभी श्रमिक शारीरिक तौर पर स्वस्थ हैं। श्रमिकों को एम्स प्रशासन की ओर से क्लीयरेंस दे दिया गया है ताकि श्रमिक अपने घरों को वापस जा सकें। बताया कि किसी भी श्रमिक को रोका नहीं जा रहा है। इसके लिए संबंधित राज्यों को भी आधिकारिक तौर पर जानकारी दे दी है।