देहरादून. देहरादून के दून महिला अस्पताल की बदतर हालत और बेड उपलब्ध न होने के कारण डिलीवरी के दौरान एक महिला और उसके नवजात बच्चे ने फर्श पर ही दम तोड़ दिया. महिला के परिवार वालों ने इसके लिए डॉक्टरों की लापरवाही को जिम्मेदार बताते हुए सीएमएस का घेराव किया. दरअसल अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने के चलते प्रसव पीड़ा से छटपटा रही महिला को बरामदे में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा और साफ सफाई और सुविधाएं न मिलने के चलते जच्चा बच्चा ने वहीं दम तोड़ दिया. गौरतलब है कि स्वास्थ विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद संभालते हैं.
मृत महिला का नाम सुचिता था जिन्हें उनके पति सुरेश सिंह राणा टिहरी के सूदूर गांव धनसाड़ी बासर से छह दिन पहले देहरादून के अस्पताल में डिलीवरी के लिए लाए थे. 27 साल की सुचिता के पेट में 31 सप्ताह का गर्भ था और वह शरीर से बेहद कमजोर थी. बेड न मिलने के चलते महिला पांच दिन से अस्पताल के बरामदे में ही पड़ी थी और गुरुवार सुबह 4.30 बजे उसने वहां बच्चे को जन्म दिया.
काफी बार कहने के बाद भी डॉक्टरों ने बच्चे को देखने से इंकार कर दिया. जिसके चलते दोनों की बुरी हालत में मौत हो गई. महिला के परिवार वालों का आरोप है कि रात को शौचालय जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं दिया गया. घटना के बाद से महिला के परिवार वालों का गुस्सा फूटा और उन्होंने अस्पताल में ही हंगामा कर डाला. जिसके बाद हालात बिगड़ने पर पुलिस को बुलाया गया.
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